कुत्ता काटे या चाटे, दोनों ही हैं आपके के लिए खतरनाक

अगर आप भी अपने पालतू कुत्ते को जरूरत से ज्यादा लाड़-प्यार करते हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि हो सकता है यह प्यार आप पर ही भारी पड़ जाए। हाल ही में लंदन में डॉ. जैको नेल को अपने कुत्ते से हुए इंफेक्शन की वजह से दोनों पैर गंवाने पड़े। यहां तक कि उनकी नाक का ऊपरी हिस्सा भी खत्म हो गया था।

कुत्ता काटे या चाटे, दोनों ही हैं आपके के लिए खतरनाक
अगर आप भी अपने पालतू कुत्ते को जरूरत से ज्यादा लाड़-प्यार करते हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि हो सकता है यह प्यार आप पर ही भारी पड़ जाए। हाल में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। लंदन में डॉ. जैको नेल को अपने कुत्ते से हुए इंफेक्शन की वजह से दोनों पैर गंवाने पड़े। यहां तक कि उनकी नाक का ऊपरी हिस्सा भी खत्म हो गया था।

कुत्ते की लार से सेप्टिसीमिया हुआ

करीब डेढ़ साल पहले डॉ. जैको नेल कॉकर स्पैनियल नस्ल के अपने कुत्ते हार्वी के साथ खेल रहे थे जब उन्होंने अपने हाथ पर हल्की सी खरोंच देखी। उन्होंने खरोंच को साफ किया और फिर रोज के कामों में लग गए। दो हफ्ते तक सब ठीक रहा लेकिन उसके बाद उन्हें फ्लू जैसा कुछ हुआ। दरअसल, उन्हें कुत्ते की लार की वजह से सेप्टिसीमिया (एक तरह का संक्रमण) हो गया था जिससे उनके खून में जहर फैल गया और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो गई थी। कुत्ते की लार से सेप्टिसीमिया हुआ
करीब डेढ़ साल पहले डॉ. जैको नेल कॉकर स्पैनियल नस्ल के अपने कुत्ते हार्वी के साथ खेल रहे थे जब उन्होंने अपने हाथ पर हल्की सी खरोंच देखी। उन्होंने खरोंच को साफ किया और फिर रोज के कामों में लग गए। दो हफ्ते तक सब ठीक रहा लेकिन उसके बाद उन्हें फ्लू जैसा कुछ हुआ। दरअसल, उन्हें कुत्ते की लार की वजह से सेप्टिसीमिया (एक तरह का संक्रमण) हो गया था जिससे उनके खून में जहर फैल गया और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो गई थी।
बेहद खराब हो गए थे हालात
इंस संक्रमण की वजह से डॉ नेल मरे तो नहीं लेकिन वे मौत के काफी करीब थे। नेल ने बताया, ‘शाम को मेरी पार्टनर घर आई और हॉस्पिटल ले गईं। डॉक्टरों ने तुरंत इस इंफेक्शन को पकड़ लिया और इलाज शुरू किया।’ नेल 5 दिन के लिए कोमा में चले गए। नेल ने बताया, ‘जब मुझे होश आया तो मैंने देखा कि मेरा शरीर लगभग काला पड़ चुका था। मेरे खून के थक्के अजीब तरीके से जम गए थे।’ नेल की किडनियां भी फेल हो गई थीं और उन्हें दो महीने तक डायलिसिस पर रखना पड़ा था।

डिप्रेशन में चले गए थे नेल
चार महीने तक हॉस्पिटल में रहने के बाद नेल के दोनों पैर घुटनों से नीचे तक काट दिए गए। उनकी नाक का ऊपरी हिस्सा भी खत्म हो गया। हॉस्पिटल के बाद भी उन्होंने खाने, चलने और सांस लेने में बहुत तकलीफ झेली। नेल ने बताया कि इस दौरान वे डिप्रेशन में चले गए थे। हालांकि 3 महीने बाद वे दोबारा चलने लगे।

यह है सेप्टिसीमिया
WHO के मुताबिक सेप्टिसीमिया एक ऐसा संक्रमण है जो तब होता है जब इंसान के शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र यानी इम्यून सिस्टम किसी इंफेक्शन के जवाब में कुछ ज्यादा ही सक्रिय हो जाता है। सेप्टिसीमिया होने पर शुरुआती समस्या हल्की लग सकती है जैसे उंगली में कहीं हल्की सी खरोंच या कट, लेकिन अगर सही वक्त पर इसकी वजह का पता नहीं चला तो शरीर को बहुत नुकसान हो सकता है। मसलन, टिश्यू को क्षति पहुंच सकती है, कोई अंग काम करना बंद कर सकता है और मौत भी हो सकती है।

बीमारी की पहचान है मुश्किल
सेप्टिसीमिया क्यों होता है, इसकी असल वजह अभी तक पता नहीं चल पाई है लेकिन इसके खतरनाक असर को देखते हुए इसे ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है। सेप्टिसीमिया को पहचान पाना भी बहुत मुश्किल है क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण किसी आम संक्रमण और बुखार जैसे होते हैं।
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