
नई दिल्ली। नवरात्रि का पर्व आते ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई करने में व्यस्त हो जाते हैं। कोई घर में नौ दिन के लिए कलश की स्थापना करता है तो कोई घर के शुद्धि के लिए हवन, पूजा और यज्ञ करवाता है। नवरात्रि में लोग व्रत अवश्य रखते हैं। जिसमें अक्सर लोग फलहारी के रूप में सेब, केला, संतरा, और आम के अलावा कुट्टू के आटे का सेवन करते हैं।
खासतौर पर नवरात्रि में इसका सेवन पूरी, रोटी, पराठा, और टिक्की के रूप में किया जाता है। कुट्टू एक फल का बीज होता है। जिसे पीसकर आटा तैयार किया जाता है। उसके बाद व्रतधारी इसका पकवान बनाकर खाते हैं।
कुट्टू के आटे में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। ऐसे में जिन व्यक्तियों को गेहूं के आटे से एलर्जी हो वह कुट्टू के आटे का सेवन कर सकते हैं। साथ ही इसका आटा काफी पौष्टिक माना जाता है क्योंकि इसमें फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, विटामिन-बी, आयरन, कैल्शियम, फॉलेट, जिंक, कॉपर, और मैग्नीज की मात्रा भरपूर रूप से पाई जाती है।
जानिए इसके फायदे
चिकित्सकों के मुताबिक कुट्टू का आटा में ग्लूकोज प्रचुल मात्रा में पाया जाता है। इसको खाने से फौरन आपके शरीर में एक अलग सी ताजगी महसूस होती है। इसका सेवन अगर आप चाहें तो रोजाना कर सकते हैं। इसका सेवन करने से अनेक प्रकार के रोग दूर होते हैं।
कुट्टू के आटे का सेवन करने से डायबिटीज के मरीजों को काफी राहत मिलती है। क्योंकि इसमें कैलोरी कम होती है साथ ही सेचुरेटेड फैट नहीं होता है।
ब्लड प्रेशर कम करने में सहायक
कुट्टू के आटे में मैग्नीशियम अच्छी मात्रा में होता है जो ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने के साथ-साथ ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित करता है।
कूट्टू के आटे में मैगनीज की मात्रा भरपूर रूप से पाई जाती है जो मनुष्य के शरीर में हड्डियों को मजबूत बनाती है। इसके आटे में कैल्शियम अधिक मात्रा में होता है। जिससे ऑस्टियोपोरोसिस रोग की संभावना नहीं होती है।
कुट्टू को खरीदते समय बरतें सावधानियां
आज कल ज्यादातर दुकानदार बची हुई नवरात्रि में बची वस्तुओं को स्टोर कर लेते हैं। लम्बे समय तक रखने की वजह से कुट्टू का आता ख़राब होने लगता है। इसलिए आटा खरीदते समय ध्यान रखे कि आता ज्यादा पुराना न हो। पुराना आटा आपके सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
कुट्टू को प्रयोग करते समय रखें सावधानी
आपको बता दें कि जब भी आप इसका अथवा पराठा बनाए तो भूलकर भी हाईड्रोजेनरेट तेल या वनस्पति तेल का प्रयोग न करें। क्योंकि इस तरह के तेल से कुट्टू में मौजूद पौष्टिक तत्व खत्म हो जाते है। बेहतर होगा कि आप इसकी रोटी और इडली के रूप में सेवन करें।