पीएम मोदी के खाते बने अमीरों का सहारा, करोड़ों का कालाधन नाक के नीचे हुआ सफेद

काला धननई दिल्ली: काला धन रखने वालों को झटका देने के लिए सरकार ने नोटबंदी का फैसला लिया था. जिसके बाद देश का लगभग हर नागरिक लाइन में खड़ा नज़र आया. इस जूनून में कि देश की तरक्की होगी. काला धन वापस आएगा. लेकिन काला धन रखने वाले लोग तो मोदी से भी चालाक निकले. लोगों ने काला धन को सफ़ेद करने के लिए तरकीब जल्द ही ढूंढ ली और वो तरकीब थी जनधन खाता.

काला धन रखने वाले निकले पीएम से भी चालाक, ढूंढ ली सफ़ेद करने की तरकीब

8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा के बाद 7 दिसंबर तक जनधन खातों में कुल 28,973 करोंड़ रूपए जमा किए गए थे. जिसे मिलाकर जनधन खातों में लगभग 74,610 करोंड़ रुपए हो गए थे.

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7 दिसंबर 2016 से 11 जनवरी 2017 के बीच जनधन खातों से 5,582.83 करोड़ रूपए निकाले गए. 7 दिसंबर से शुरू हुई इस बड़ी निकासी के बाद 11 जनवरी को जनधन खातों में 69,027.17 करोड़ रुपए रह गए.

देश में कुल लगभग 26.68 करोड़ जनधन खाते हैं. और नोटबंदी के ऐलान के बाद जनधन खातों का इस्तेमाल कालेधन को सफेद करने के लिए बड़े पैमाने पर किया गया है. जिसके बाद केन्द्र सरकार ने इन खातों से 30 नवंबर के बाद निकासी की सीमा 10,000 रुपए प्रति माह तय कर दी थी. वहीं जमधन खातों में जमा करने की अधिकतम सीमा 50,000 रुपये है.

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8 नवंबर को नोटबंदी के ऐलान के बाद 500 और 1000 रुपये की प्रतिबंधित करेंसी में 45,636.61 करोड़ रुपये की राशि जमा हुई थी

केन्द्र सरकार ने ऐसे जनधन खाताधारकों को चेतावनी दी थी कि जिन्होंने 8 नवंबर को हुई नोटबंदी के बाद अपने खातों का गलत इस्तेमाल किया है उनके खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे.

वित्त मंत्रालय ने कहा था कि आयकर विभाग देशभर में जन धन खातों में जमा कराई गई पैसों में अचानक वृद्धि की जांच कर रहा है. जल्द ही काले धन को सफ़ेद करने के लिए जनधन खाते का इस्तेमाल करने वाला पकड़ा जाएगा.

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