कानपुर हैलेट में मुर्दों को भी लगते हैं रेमडेसिविर! , जानिए क्या है कोरोनाकाल का बड़ा फर्जीवाड़ा

कानपुर हैलट के न्यूरो साइंसेज विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यहां कोविड वार्ड में तैनात नर्सिंग स्टाफ ने मुर्दों के नाम पर कई दिनों तक रेमडेसिविर इंजेक्शन स्टोर से निकलवाएं। डॉक्टरों की ओर से जारी पर्चे पर यह इंजेक्शन मिलते थे। आशंका जताई जा रही है कि यह इंजेक्शन महंगे दामों पर बाजार में बेचे गए।

इस बात का खुलासा न्यूरो साइंसेज विभाग के रिकार्ड के जरिए किया गया है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सभी सरकारी अस्पतालों में रेमडेसिविर की सप्लाई की जाती रही। इसे कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों को डॉक्टरों की अनुमति पर प्रतिदिन लगाया जा रहा था। नर्सिंग स्टाफ को ये इंजेक्शन और अन्य दवाएं डॉक्टरों की परमीशन से स्टोर से मिलती थीं।

30 अप्रैल को क्राइम ब्रांच की टीम के द्वारा 2 कर्मचारियों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते पकड़ा गया था। कालाबाजारी में हैलट के वार्ड ब्वॉय का नाम सामने आया था। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि इसके बाद जब न्यूरो साइंसेज विभाग के रिकॉर्ड खंगाले गए तो चौकाने वाले खुलासे हुए।

यहां डॉक्टरों के हस्ताक्षर वाले पर्चे के जरिए नर्सिंग स्टाफ व वार्ड ब्वॉय स्टोर से कोरोना से मृत लोगों के नाम पर भी रेमडेसिविर इंजेक्शन ले आए। जिसके बाद आशंका है कि यह इंजेक्शन महंगे दामों पर बेचे गएं।

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