कश्‍मीर पर पाकिस्‍तान को झटका, चीन-अमेरिका से बड़ी ताकत ने मूंदी आंखें

नई दिल्‍ली। कश्मीर भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला है, जिसे उन्हें ही आपस में सुलझाना चाहिए। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने यह बात कही है।

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थेरेसा मे ने कहा कि कश्मीर को लेकर ब्रिटेन के रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है। पाकिस्‍तान सबसे पहले आतंक पर नकेल कसे बाद में बात करे। हम कश्‍मीर मुद्दे पर किसी भी तरह के दखल के पक्ष में नही हैं। उन्होंने संसद में इस बात का संकेत दिया कि 6 से 8 नवंबर के बीच उनकी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बातचीत में कश्मीर मुद्दे के एजेंडे में शामिल रहने की संभावना नहीं है। मे ने कहा, कश्मीर पर मैं वही रुख अपनाऊंगी जो सरकार ने सत्ता में आने के बाद से और पहले भी अपनाया है। रुख यह है कि कश्मीर ऐसा मुद्दा है, जिससे भारत और पाकिस्तान को ही सुलझाना चाहिए।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने ये बातें लेबर पार्टी की सांसद यास्मीन कैरैशी के सवाल के जवाब में कहीं। पाकिस्तान में जन्मी कुरैशी ने प्रधानमंत्री के साप्ताहिक प्रश्न सत्र के दौरान हाउस ऑफ कॉमंस में पूछा था कि क्या मे की भारत यात्रा के दौरान कश्मीर मुद्दे पर बातचीत की जाएगी। क्या मे संयुक्त राष्ट्र के 1948 वाले प्रस्ताव के अनुरूप कश्मीर के आत्मनिर्णय के मुद्दे और मानवाधिकार उल्लंघनों पर बातचीत करेंगी और भारत के प्रधानमंत्री के समक्ष इस मुद्दे को उठाएंगी।

मे ने ऐसी किसी भी बैठक की संभावना को खारिज किया। मे यूरोप के बाहर विदेश की अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा के लिए 6 नवंबर को नई दिल्ली पहुंचेंगी। वह मोदी के साथ भारत-ब्रिटेन तकनीक शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करने के अलावा बेंगलुरु जाने से पहले अपने भारतीय समकक्ष के साथ वार्ता करेंगी।

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