करतारपुर अलग मुद्दा, इसे किसी और के साथ ना जोड़ें : सेना प्रमुख

नई दिल्ली| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा भारत के साथ दोस्ताना संबंधों की वकालत किए जाने के बीच सेना प्रमुख जनलर बिपिन रावत ने बुधवार को कहा कि करतारपुर गलियारे की पहल को अलग रूप में देखा जाना चाहिए।

करतारपुर

इसके साथ ही उन्होंने केंद्र के रुख पर याद दिलाया कि आतंकवाद और वार्ता दोनो साथ-साथ नहीं हो सकते। रावत ने मीडिया को यहां बताया, “लोग कह रहे हैं कि शांति का एक मौका देना चाहिए, कुछ किया जाना चाहिए लेकिन देखिए हमारी सरकार ने क्या कहा है।”

इमरान की अपील के साथ एक खालिस्तानी गोपाल चावला के करतारपुर गलियारे के उद्धघाटन के दौरान पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ दिखाई दिए जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर सेना प्रमुख बिपिन रावत ने यह बात कही।
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रावत ने कहा, “इसको अलग रूप में देखे जाने की जरूरत है, करतारपुर को अलग नजरिये से देखा जाना चाहिए, इसको किसी और से मत जोड़िए। यह एकतरफा फैसला है और इसका किसी अन्य चीज से कोई संबंध नहीं है।”
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इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने तब तक पाकिस्तान के साथ संवाद की बात को खारिज कर दिया, जब तक वह आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता। मंत्री ने कहा कि वार्ता और आतंकवाद साथ-साथ हो सकते।

उन्होंने कहा हालांकि भारत करतारपुर गलियारे के कदम का स्वागत करता है लेकिन वह तब तक इस्लामाबाद से संवाद नहीं करेगा जब तक वह आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता।

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