कभी ये शख्स था मंदिर का पुजारी, लेकिन आज है 4000 करोड़ की संपत्ति का मालिक..
अहमदाबाद के सुरेंद्रनगर के मथाक निवासी नरेंद्र रावल ने केन्या में ऐसी मिसाल कायम की है जिसे जानकर हर कोई उनकी तारीफ करता है। कभी एक साधू रहे रावल आज केन्या के सबसे बड़े व्यापारियों में से एक हैं।
इस समय नरेंद्र की कंपनी की वैल्यू लगभग 4125 करोड़ रुपए (65 करोड़ डॉलर) है। इनकी कंपनी का नाम देवकी ग्रुप है। केन्या की सरकार रावल को एल्डर ऑफ द बर्निंग स्पीयर के खिताब से नवाज चुकी है।
केन्या में लोग नरेंद्र रावल को उनके बिजनेस और अमीरी से कहीं अधिक उनकी परोपकारिता के लिए जानते हैं।
खरबपति नरेंद्र रावल ने अपनी वसीयत में लिखा है कि उनकी मौत के बाद हर साल उनके कुल धन में से 250 करोड़ रुपए का उपयोग समाज सेवा के लिए कर लिया जाए।
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यह धन केन्या और अफ्रीका की अन्य जगहों के लोगों की शिक्षा, सेहत और पोषण के लिए खर्च किया जाएगा।
नरेंद्र रावल महात्मा गांधी और मदर टेरेसा को बहुत मानते हैं। 37 साल की उम्र में रावल केन्या चले गए थे और किसुमु स्थित स्वामीनारायण मंदिर में पुजारी का काम करने लगे थे।
इन्होंने शादी के बाद 1982 में नैरोबी स्थित एक हार्डवेयर की दुकान में नौकरी कर ली और 1990 तक गिकोंबा बाजार में अपनी खुद की दुकान खोल ली।