कठुआ गैंगरेप वाली बच्ची के पिता के साथ हुआ भयानक धोखा

जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले का रासना गांव| एक 8 साल की बच्ची को अगवा कर उसका बलात्कार किया जाता है और फिर उसकी हत्या कर दी जाती है| इस घटना ने सारे देश को झकझोर दिया| देश की राजधानी समेत दूसरे हिस्सों में भी खूब प्रदर्शन हुए|

मीडिया में कुकर्म करने वालों की आलोचना हुई| पीड़ित परिवार का साथ देने के लिए स्वयं सहायता समूह और कई लोग सामने आए| परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए क्राउड फंडिंग के ज़रिए पैसे इकट्ठे किए गए|

23 दिसंबर 2018 तक जम्मू एंड कश्मीर बैंक के जॉइंट अकाउंट में 21 लाख से ज्यादा रूपए इकठ्ठा हो चुके थे| लेकिन अब खबर आ रही है कि जनवरी से लेकर मार्च तक इस खाते से 12 लाख रुपए परिवार की जानकारी के बिना निकाले जा चुके हैं|

किसी असलम खान नाम के आदमी ने इस खाते से तीन बार 2-2 लाख रूपए निकलवाए हैं| यानी कुल 6 लाख| जब लड़की के पिता ने अपने जानने वाले असलम को फोन किया तो उन्हें स्पष्ट जवाब नहीं मिला, जिससे उनका शक और गहरा गया है|

140 साल में पहली बार होने जा रहा है ऐसा, मोबाइल ऐप के जरिए होगी जनगणना…

इसके बाद नसीम नाम के एक आदमी ने 21 और 22 जनवरी को खाते से 4 लाख रूपए निकलवाए हैं| पीड़ित परिवार अनपढ़ है और पैसे आदि निकालने के लिए अंगूठे के निशान लगाता है| उनके मुताबिक पैसे कहां गए इस बारे में वो कुछ नहीं जानते|

बैंक ने परिवार को सूचना क्यों नहीं दी?
इतने पैसे निकालने के बाद J&K बैंक का कहना है कि उन्होंने प्रोसीजर फॉलो किया है| पैसा चेक के ज़रिए निकाला गया है जिसपर तारीख से लेकर दस्तखत तक सब सही था| ऐसे में बैंक मना नहीं कर सकता. बैंक के ब्रांच हेड ने कहा-“बैंक को ठीक डेट और इम्प्रैशन के साथ चेक मिले थे| ऐसे में अब परिवार अगली सूचना तक चेक बुक को ब्लॉक कर सकता है| उनके सर्कल में किसी परिचित को ही सारी जानकारियां मिली हैं| और उसने ही बैंक प्रोटोकॉल फॉलो किया है|”

हैरान करने वाली बात ये है कि चेक के मुताबिक 21 मार्च 2019 को ‘सेल्फ’ यानी खुद ने बैंक से 2 लाख रूपए निकाले हैं| लड़की के पिता का कहना है कि वो उस दिन परिवार के साथ साम्बा में थे और चेक तक उनकी पहुंच नहीं थी| उनके मुताबिक जॉइंट अकाउंट से करीब 22 लाख रूपए निकाले गए हैं जिसमें से 10 लाख उन्होंने निकाले हैं| बाकि पैसे कहां गए इसकी जांच की जानी चाहिए|

घर वापस नहीं जा सकते:-
पैसे निकाले जाना ही परिवार के लिए इकलौती समस्या नहीं है| उन्हें अपने परिवार के साथ रासना लौटने में भी डर लग रहा है| पीड़ित का कहना-“मेरे गांव वाले मुझे मेरे पशुओं के लिए पट्टी (चारा) नहीं देते| केवल इतना मिलता है जिससे गुज़ारा किया जा सके| अगर पशुओं को चारा नहीं मिला तो वो मर जाएंगे| गांव वालों ने मुझसे कहा है कि वो मुझे और चारा नहीं बेचेंगे|”

अपनी सुरक्षा के बारे में लड़की के पिता ने कहा-“अब मुझे अपनी जान का खतरा लगने लगा है| मैं गांव तभी जाऊंगा जब मुझे सुरक्षा दी जाएगी| फ़िलहाल मैंने अपने रिश्तेदारों के साथ साम्बा में रहने का फैसला किया है|”

फिलहाल मामले के विचाराधीन होने के चलते राज्य सरकार ने परिवार को पुलिस सुरक्षा दी है|

अब कहां हैं नेता?
घटना के कुछ दिनों बाद तक तमाम राष्ट्रीय नेता और मीडिया कठुआ में जमा हो गए थे. लेकिन अब कोई उनका हाल जानने नहीं आता| पिता ने पूछा-“मुझे नहीं पता कि अब वो नेता कहां हैं? शुरुआत में काफी लोग मदद के लिए सामने आए लेकिन फ़िलहाल किसी ने मुझे एप्रोच नहीं किया है| मैं वोट ज़रूर दूंगा| ये मेरा अधिकार है| मैं उस नेता को वोट दूंगा जो मेरी बच्ची को न्याय दिलाने का वादा करे| यही मेरी उम्मीद है बस|”

उसके कपड़ों को देखकर याद करते रहते हैं:-
एक साल बीत जाने के बाद भी पिता के जेहन में बच्ची की यादें ताजा हैं| उसके साथ जो हुआ वो बेहद शर्मनाक था जिसकी यादें अब भी ताजा हैं| ये पूछे जाने पर कि कुछ लोग कहते हैं कि इस मामले में निर्दोष लोगों को सजा हुई है. पिता ने कहा|

मैं उसके कपड़ों और छोटे-छोटे जूतों को देखता हूं और उसकी बहुत याद आती है| हम उसे कभी कैसे भूल सकते हैं| मुझे उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा| मैं चाहता हूं कि दोषियों को उम्रकैद हो| वो एक साल से जेल में हैं| अगर वो निर्दोष होते तो सलाखों के पीछे होते?

पिता को अब भी न्याय का इंतजार है. वो रोज़ की तरह पशुओं को चराने पहाड़ों में ऊपर की ओर चले जाते हैं| लेकिन अब उन्हें सिर्फ अपनी बेटी का दुख नहीं है| बल्कि इस बात का भी दुख है कि किसी अपने ने ही उनके लाखों रुपए ठग लिए|

क्या हुआ था कठुआ में?
12 जनवरी 2019 को कठुआ में रासना गांव के रहने वाले 8 साल की लड़की के पिता ने पुलिस में शिकायत दी. बताया कि उसकी बेटी 10 जनवरी से गायब है| पुलिस ने FIR दर्ज की और जांच में जुट गई| 17 जनवरी को लड़की की लाश मिलती है| बकरवाल समुदाय का आरोप था कि सरकार और लोकल पुलिस केस को अच्छे से नहीं देख रही|

इसके बाद 20 जनवरी को सरकार की ओर से एसएचओ को सस्पेंड कर दिया. 23 मार्च को पूरे मामले को क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया| क्राइम ब्रांच ने 9 अप्रैल को ही इस मामले की 15 पन्ने की चार्जशीट दाखिल कर दी| इस चार्जशीट के मुताबिक गैंगरेप और हत्या का मास्टरमाइंड रिटायर्ड राजस्व अफसर सांजी राम है| आरोपियों के नाम सामने आने पर मामला हिंदू-मुस्लिम हो गया| राजनीतिक पार्टियां भी इसमें कूद पड़ीं| फ़िलहाल पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है| मामला कोर्ट में चल रहा है है|

LIVE TV