ऐतिहासिक फैसला- अब पर्यटकों के मनोरंजन के लिए नहीं होगा हाथियों का प्रयोग

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि हाथियों का प्रयोग किसी के मनोरंजन के लिए नहीं हो सकता।

कोर्ट ने उत्तराखंड के एक मामले में सुनवाई करते हुए यह बात कही। दरअसल, कोर्ट ने उत्तराखंड में रिसॉर्ट मालिकों से जब्त हाथियों को वापस करने के आदेश पर रोक लगा दी है।

रिसॉर्ट मालिक इन हाथियों का इस्तेमाल पर्यटकों के मनोरंजन के लिए किया करते थे। न्यायमूर्ति एसए बोबडे और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने गौरी मुलेखी की याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट के 6 मार्च के आदेश को निलंबित कर दिया।

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याचिकाकर्ता का कहना था कि हाथियों को वापस करने का आदेश वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 सहित अन्य कानूनों का उल्लंघन है। हाथियों का व्यावसायिक इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, यह प्रावधानों के खिलाफ है। पीठ ने कहा कि अगले आदेश तक उत्तराखंड हाईकोर्ट का आदेश प्रभावी नहीं होगा।

पीठ ने इस मामले में राज्य सरकार सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर चार हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। इससे पहले, मुलेखी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर 28 फरवरी को मुख्य वन्यजीव वार्डन द्वारा आठ हाथियों को वापस सौंपने के आदेश को चुनौती दी थी। इस आदेश के तहत हाथियों को रिसॉर्ट मालिकों को वापस लौटाना था।

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