दो युवतियों ने किया ऐसा काम, जिससे है पूरी दुनियां हैरान

सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को लेकर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने समलैंगिकता और एलजीबीटीएस (लेस्बियन, समलैंगिक, उभयलिंगी, ट्रांसजेंडर, क्वीर) को बड़ी राहत देते हुए इसे अपराध मानने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि समलैंगिकों के अधिकार की रक्षा होनी चाहिए और उनके प्रति नजरिए में बदलाव होना चाहिए।

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्‍यक्षता में 5 जजों की बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए क‍हा कि हमें सबको समान नजरिए से देखना होगा। समलैंगिकों को भी इज्‍जत से जीने का हक है। 10 जुलाई को इस मामले की सुनवाई शुरू हुई थी। 17 जुलाई को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।

दो युवतियों ने आपस में रचाई शादी,पंजीकरण के लिए पहुंची कोर्ट

मंगलौर क्षेत्र में पहली बार युवतियों नें आपस में रचाई शादी

दो लड़कियों की आपस में शादी पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है मंगलौर जैसे छोटे कस्बे में इस प्रकार की यह पहली घटना है। कस्बा पुलिस चौकी पर तैनात उपनिरीक्षक धनपाल शर्मा का कहना है। कि न्यायालय के आदेश का पालन किया जाएगा दोनों युवतियों के परिजनों को साफ तौर पर कहा गया है कि उनको किसी प्रकार से परेशान न किया जाए। साथ ही उन्हें हरसंभव सुरक्षा प्रदान की जाएगी।

श्रीनगर हवाईअड्डे पर उड़ानों का संचालन बाधित

दो युवतियों ने आपस में शादी ही नहीं की ब्लकि दोनों ने अपनी शादी को कोर्ट में पंजीकृत कराते हुए न्यायालय से अपनी सुरक्षा की मांग की न्यायालय नें पुलिस को दोनों युवतियों की सुरक्षा के जाने के आदेश दिए गए हैं।

समलैंगिकता को कानूनी अधिकार मिलने के बाद अब समलैंगिकता में विश्वास रखने वाले लोगों को आजादी मिल गई है।

मंगलौर के मोहल्ला किला निवासी साजिया व मोहल्ला मलकपुरा निवासी रजिया ने आपस में समलैंगिकता के आधार पर विवाह रचा लिया। इसके बाद दोनों ने अपनी शादी को पंजीकृत कराया परिजनों से सुरक्षा व समाज में किसी प्रकार का कोई बखेड़ा खड़ा ना हो इसके लिए उन्होंने उच्च न्यायालय नैनीताल में सुरक्षा के लिए गुहार लगाई।

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न्यायालय ने उनके प्रार्थना पत्र का संज्ञान लेते हुए मंगलौर पुलिस को दोनों युवतियों की सुरक्षा किए जाने के आदेश दिए समलैंगिकता के आधार पर विवाह करने वाली दोनों युवतियों ने अपने परिवारों पर आरोप लगाया था कि उनके परिवार के लोग उनके जीवन को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

न्यायालय के आदेश जब पुलिस के पास पहुंचे तो पुलिस युवतियों के परिवार के पास पहुंची युवतियों के परिवारों का कहना था कि उन्हें दोनों से ही कोई मतलब नहीं है। जैसा उन्होंने किया है वह उसके लिए स्वयं जिम्मेदार है क्योंकि दोनों ही बालिग है।

 

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