उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार होने के असार

उत्तर प्रदेश विधानसभालखनऊ| उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 22 अगस्त से शुरू होने जा रहा है। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त होने का आरोप विपक्ष हमेशा से लगाता रहा है। इस बीच बुलंदशहर में मां-बेटी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में अखिलेश से इस्तीफा देने की भी मांग की गई।

उम्मीद है कि दलित उत्पीड़न, कैराना, मथुरा जैसे मुद्दों को लेकर विपक्ष अखिलेश सरकार पर हमला बोलेगा और सरकार की ओर से भी विपक्षियों को करारा जवाब देने की योजना बनाई गई है।

उत्तर प्रदेश में 22 अगस्त से मानसून सत्र की शुरुआत हो रही है। सदन शांतिपूर्ण तरीके से चले, इसके लिए 21 को सर्वदलीय व कार्य मंत्रणा समिति की बैठक बुलाई गई है। इसमें सरकार विपक्षी दलों से सरकार बनाने के लिए सहयोग मांगेगी।

मानसून सत्र में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की परीक्षा होगी। बसपा पहली बार दिग्गज नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बिना सदन में उतरेगी। इस बार कमान गयाचरण दिनकर के हाथों में होगी। उनकी अगुवाई में इस बार बसपा अखिलेश सरकार पर हल्ला बोलेगी।

गयाचरण दिनकर ने कहा कि सरकार उप्र में कानून व्यवस्था पर बुरी तरह से फेल साबित हुई है। इसका जवाब सरकार को सदन में देना पडेगा। पार्टी कानून व्यवस्था के अलावा दलित उत्पीड़न, किसानों की समस्याओं को भी सदन में उठाएगी।

उप्र में पिछले कुछ महीनों में कानून व्यवस्था को लेकर काफी हल्ला मचा हुआ है। पहले मथुरा के जवाहरबाग में हुई हिंसा से सरकार की किरकरी हुई तो बाद में बुलंदशहर में मां-बेटी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले ने उप्र ही नहीं, पूरे देश को पूरी तरह से हिलाकर रख दिया। बुलंदशहर मामले को लेकर सरकार पर विपक्ष एक साथ हमला बोलेगा।

भाजपा ने भी सरकार को घेरने की पूरी योजना बनाई है। बुलंदशहर मामले के बाद भाजपा ने भी सरकार को घेरने के लिए बेटी के सम्मान में, भाजपा मैदान में आंदोलन चलाया। इसे लेकर भाजपा महिला मोर्चा ने जिलास्तर पर प्रदर्शन किया।

भाजपा नेता राधा मोहन दास अग्रवाल ने बताया कि पार्टी सरकार को किसानों, कानून व्यवस्था को लेकर सरकार से जवाब मांगेगी। सरकार उप्र मे कानून व्यवस्था लागू करने में विपल साबित हुई है। सरकार को इसका जवाब देना होगा।

विधानसभा में राष्ट्रीय लोकदल के नेता दलबीर सिंह ने कहा कि पार्टी इस बार सदन में कानून व्यवस्था व किसानों के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरेगी।

उल्लेखनीय है कि सरकार 22 अगस्त को आ रहे मानसून सत्र के दौरान ही अनुपूरक बजट पेश करेगी। इस दौरान कई विधेयक भी प्रस्तुत किए जाएंगे। इसमें सबसे मुख्य बात यह है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी आवासों को लेकर सरकार एक अलग से विधेयक पेश करेगी। इस विधेयक के प्रस्ताव को बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूर कर लिया गया था। इस विधयेक के पारित हो जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगला आवंटित किए जाने का रास्ता साफ हो जाएगा।

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