उत्तर प्रदेश में हजारो आपराधिक मामले नहीं हैं अभी तक सुलझे , रिसर्च में हुआ खुलासा…

उत्तर प्रदेश में अपराध बढ़ते कि जा रहे हैं। जिसका निवारण अभी तक नही हो पाया हैं। बतादें की हकीकत यह भी है कि 5956 मामलों की जांच रिपोर्ट कोर्ट तक पहुंचने के बजाय आगरा विधि विज्ञान प्रयोगशाला की फाइलों में अटकी हुई हैं। 2600 केस तो दो साल से ज्यादा पुराने हैं।

 

 

लेकिन इन मामलों में इंसाफ में देरी हो रही है। इन्हें जांच को भेजने वाली 31 जिलों की पुलिस का हाल यह है कि वो तैयार रिपोर्ट लेने ही नहीं आ रही। वहीं कोर्ट से हर महीने लैब में 200 से ज्यादा पत्र आ रहे हैं कि रिपोर्ट जल्द भेजी जाए। इनमें आगरा के 141 केस हैं।

 

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वहीं कुल तैयार जांच रिपोर्ट में 500 से ज्यादा विसरा परीक्षण के हैं। विसरा परीक्षण संदिग्ध हालात में मौत होने पर कराया जाता है। इसी से पता चलता है कि मौत जहर से तो नहीं हुई। बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामलों में लिए गए नमूनों की परीक्षण रिपोर्ट 100 हैं।

जहां इनमें पीड़िताओं के कपड़ों का भी परीक्षण हुआ है। लगभग एक हजार केस बैलेस्टिक सेक्शन के हैं। आगरा रेंज के कुल 704 और जोन के 1615 केस हैं। विसरा जैसे मामलों में तो घटना का खुलासा भी रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाता है। पुलिस की ढिलाई के कारण कातिल खुले घूमते रहते हैं। लैब के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. एके मित्तल ने एडीजी जोन अजय आनंद, आईजी रेंज ए सतीश गणेश समेत अन्य संबधित रेंज और जोन के अधिकारियों को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि लैब में जांच रिपोर्ट तैयार है। परीक्षण के बाद के नमूने (प्रदर्श) के साथ इन रिपोर्ट को मंगा लिया जाए, ताकि कोर्ट में साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया जा सके।

दरअसल विधि विज्ञान प्रयोगशाला के अधिकारियों का कहना है कि ये रिपोर्ट कोर्ट में उन नमूने के साथ ही प्रस्तुत की जाती है जिनका परीक्षण किया गया होता है। अकेले रिपोर्ट स्वीकार नहीं होती। परीक्षण पूरा होते ही पुलिस को सूचना दी जाती है। इसे मंगवाना भी उसकी ही जिम्मेदारी है। ज्यादातर मामलों में पुलिस रिपोर्ट और नमूना लेने के लिए तब आती है, जब कोर्ट से डांट पड़ती है।

झांसी के 72, जालौन के 84, ललितपुर के 105, हमीरपुर के 261, महोबा के 283, संभल के 221, मुरादाबाद के 187, रामपुर के 16, बदायूं के 69, बिजनौर के 21, अमरोहा के 183, इटावा के 38, कानपुर नगर के 48, कानपुर देहात के 13, मेरठ के 347, बुलंदशहर के 231, गाजियाबाद के 654, हापुड़ के 36, गौतमबुद्ध नगर के 559, बागपत के 60, शामली के 327, मुजफ्फरनगर के 247, बरेली के 4 केस हैं।

 

 

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