उत्तर प्रदेश: महादेव की नगरी काशी से निकलेगी भव्य राम मंदिर निर्माण की राह, संतो का जमावड़ा शुरू

शनिवार को जय श्रीराम के जयघोष और हर-हर महादेव के साथ अखिल भारतीय संत सम्मेलन की शुरूआत हुई। संत समाज की बैठक शनिवार की सुबह 11 बजे से आरंभ हुई। बता दें कि संत समाज ने काशी से पशुपतिनाथ के रिश्तों को प्रगाढ़ करने का बीड़ा उठाया है। वहीं इसके अलावा भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए काशी में गहन चर्चा होगी।

भगवान शिव के आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के भव्य राम मंदिर निर्माण की राह काशी से ही प्रशस्त होगी। संत समुदाय इस मुद्दे पर मंथन शुरू कर चुका है। दुर्गाकुंड स्थित हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय में देश भर के संतों का जमावड़ा है। संत समाज दो दिनों तक देश और समाज की समस्याओं पर काशी में मंथन करेगा।

इसके साथ ही भगवान के मंदिर परिसर की भव्यता पर भी विमर्श होगा। महंत बालक दास ने बताया कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए धन संकलन अभियान पर देश भर के संत मंथन करेंगे। इसके अलावा हिंदू राष्ट्र नेपाल से खराब हो रहे रिश्तों, नेपाल की राजधानी काठमांडू और भारत की आध्यात्मिक राजधानी काशी, जनकपुर और अयोध्या के मध्य हजारों वर्षों के रिश्तों की प्रगाढ़ता को मजबूत करने पर विचार होगा।

सुधीर सिंह ने बताया कि संत सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष अविचल दास महाराज समेत संत समिति के सर्वोच्च निदेशकमंडल के संत भाग ले रहे हैं। अस्वस्थता के कारण महंत नृत्यगोपाल दास नहीं आ सके हैं। संतों के साथ-साथ इस बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक अनिल, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय और विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय मंत्री अशोक तिवारी और श्रीकाशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष आचार्य रामयत्न शुक्ला भाग लेंगे। संतों के लिए कैवल्य ज्ञानपीठ और रामजानकी मठ में निवास की व्यवस्था की गई है।

ये संत होंगे शामिल
शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती, महंत फू लडोल बिहारीदास, स्वामी धर्मदेव, महंत कमलनयन दास, आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि, महामंडलेश्वर अनंतदेव गिरि, स्वामी देवेद्रानंद गिरि, कालिका पीठाधीश्वर महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत, महामंडलेश्वर जनार्दन हरि, स्वामी हंसानंद तीर्थ, महामंडलेश्वर स्वामी मनमोहनदास, ब्रह्मर्षि अंजनेशानंद  सरस्वती, स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती, स्वामी दिव्यानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर ज्योतिर्मयानंद गिरि, महामंडलेश्वर ईश्वरदास, शक्ति शांतानंद महर्षि, गौरीशंकर दास समेत कई महंत शामिल होंगे।

इन मुद्दों पर हो रही चर्चा
श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए धन संकलन अभियान के व्यापक स्वरूप पर चर्चा
वनवासी समाज के मध्य अधिक से अधिक कथाओं के आयोजन पर विचार
नेपाल से खराब हो चुके रिश्तों को सुधारने के लिए दोनों देशों के संत समाज का विमर्श
ईसाई मिशनरियों द्वारा हिंदुओं के धर्मांतरण पर रोक लगाने पर चर्चा
देश भर के मंदिरों के प्रबंधन को सुचारू रूप से संचालित करने की योजना का निर्माण
संप्रदाय के अनुसार पूजा-पाठ और प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना
राज्यवार अल्पसंख्यकों की परिभाषा तय करने पर विचार

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