शासनादेश का किया उल्लंघन, अब देने होंगे 425 करोड़

उत्तराखंड वन विकासनैनीताल। उत्तर प्रदेश वन विकास निगम उत्तराखंड वन विकास निगम को 425.11 करोड़ रुपए देगा। बुधवार को हाई कोर्ट ने यूपी वन विकास निगम को यह राशि देने का आदेश दिया है। राज्य गठन के बाद परिसंपत्तियों के बंटवारे में केंद्र सरकार के निर्देश पर यह धनराशि यूपी वन विकास निगम को देनी है।

इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की एकलपीठ के समक्ष हुई है। इस मामले के अनुसार उत्तराखंड वन विकास निगम ने हाई कोर्ट में 2007 में याचिका दायर करने के बाद कहा था कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विभाजन के समय परिसंपत्तियों का बंटवारा हुआ था।

उत्तर प्रदेश को 46 फीसद और उत्तराखंड सरकार को 54 फीसद का शेयर देने का भारत सरकार ने शासनादेश जारी किया था। जबकि, उत्तर प्रदेश सरकार ने उस शासनादेश का उल्लंघन किया था।

आज तक नहीं मिल पाए शेयर के रुपए

शेयर के 425.11 करोड़ रुपए वन विकास निगम उत्तराखंड को आज तक नहीं दिए गए। पूर्व में भारत सरकार और उत्तराखंड वन विकास निगम ने बार-बार उत्तर प्रदेश वन विकास निगम को भी भुगतान के लिए पत्र लिखे। बताया गया कि भुगतान नहीं हुआ। विभाजन के समय जो संपत्ति की राशि की एफडीआर बनाई गई थी, उसे उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने पास रख लिया। अभी तक उत्तराखंड वन विकास को नहीं दिया गया।

याचिका में कहा कि वर्ष 2001 के भारत सरकार के शासनादेश के अनुसार उत्तर प्रदेश वन विकास निगम 425.11 करोड़ रुपए उत्तराखंड वन विकास को दिए जाने की प्रार्थना की। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने उत्तर प्रदेश वन विकास निगम को 54 प्रतिशत राशि देने के निर्देश दिए।

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