अफगानिस्तान ने ईरान प्रतिबंधों से चाबहार बंदरगाह को छूट देने का किया स्वागत

संयुक्त राष्ट्र| अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों से भारत द्वारा निर्मित चाबहार बंदरगाह परियोजना को छूट दिए जाने का अफगानिस्तान ने स्वागत किया है।

अफगानिस्तान के स्थाई प्रतिनिधि महमूद सैकल ने सोमवार को सुरक्षा परिषद को बताया, “हम हमारे रणनीतिक साझेदार अमेरिका के सहयोग और लचीलेपन को सराहते हैं कि उसने अफगानिस्तान, ईरान और भारत के साथ काम करने को लेकर इस बंदरगाह को छूट दे दी है।”

अफगानिस्तान ने ईरान प्रतिबंधों से चाबहार बंदरगाह को छूट देने का स्वागत किया

उन्होंने कहा, “चाबहार बंदरगाह अफगानिस्तान के साथ हिंद महासागर को जोड़ते हुए व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य पहुंच प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण द्वार बना रहेगा।”

भारत ईरान में इस बंदरगाह परियोजना और अफगानिस्तान को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए 50 करोड़ डॉलर का निवेश कर रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ईरान के साथ दुश्मनी के बावजूद अमेरिका को चाबहार को प्रतिबंधों से छूट देनी पड़ी ताकि भारत, अफगानिस्तान का सहयोग करने में सक्षम रहे।

चाबहार तक पहुंच के बिना अफगानिस्तान को समुद्र मार्ग के लिए पाकिस्तान पर निर्भर होना पड़ेगा।

पिछले महीने अमेरिका ने ईरान के साथ व्यापार प्रतिबंधों पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए थे।
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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान ईरान और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई देशों के साथ हुए ईरान परमाणु समझौते से ट्रंप के बाहर निकलने के बाद अमेरिका ने ईरान पर यह प्रतिबंध लगाए हैं।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने इस प्रतिबंध से चाबहार बंदरगाह को बाहर रखने का ऐलान करते हुए पिछले महीने कहा था कि यह अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण सहयोग और आर्थिक विकास से संबंधित है। ये गतिविधयां अफगानिस्तान के विकास और मानवीय राहत के लिए चल रहे सहयोग के लिए हैं।”

भारत ने इस बंदरगाह के जरिए अफगानिस्तान को 11 लाख टन गेहूं भेजा था।

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