ईपीएस-95 पेंशनर्स को मिला आश्वासन, खत्म हुआ आमरण अनशन

नई दिल्ली। अखिल भारतीय ईपीएस-95 पेंशनर्स का आंदोलन खत्म हो गया है। केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार के आश्वासन पर पेंशनर्स ने अपना आमरण अनशन खत्म करने का फैसला किया है। श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने 7,500 रुपये मासिक पेंशन और महंगाई भत्ते की सिफारिश वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय में भेजने का आश्वासन दिया। इसके साथ ही उन्होंने 31.5.2017 की अंतरिम एडवाइजरी भी वापस लेने का आश्वासन दिया है। इससे बुजुर्ग पेंशनर्स का 4 दिसंबर से चला आ रहा आमरण अनशन समाप्त हो गया।

अब वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री पेंशनर्स की मांगों पर फैसला करेंगे। ईपीएस राष्ट्रीय संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने कहा कि हमारा प्रधानमंत्री मोदी पर विश्वास है। प्रधानमंत्री हमेशा कहते हैं कि हमारी सरकार गरीबों और उपेक्षितों के प्रति समर्पित है।

अशोक राउत ने कहा कि श्रम मंत्री के शहर में न होने से भिंड के सांसद डॉ. भागीरथ प्रसाद धरना स्थल पर आए और उन्होंने श्रम मंत्री की तरफ से पेंशनर्स को उनकी मांगें मानने का आश्वासन दिया। श्रम मंत्री का कहना है कि बुजुर्ग पेंशनर्स की मांगों पर अमल 15 दिसंबर से शुरू होगा। राउत ने कहा कि यह आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। यह आंदोलन का पहला चरण है। अगर दिसंबर तक पेंशनर्स की मांगें नहीं मानी गई तो आंदोलन फिर शुरू किया जाएगा।

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भिंड के सांसद डॉ. भागीरथ प्रसाद ने पेंशनर्स को ढांढस बंधाते हुए कहा, “आपके प्रतिनिधि के रूप में मैं आपकी लड़ाई लड़ने के लिए बिल्कुल तैयार हूं। मेरी श्रम मंत्री से बात हुई है। केंद्र सरकार का पेंशनर्स की मांगों पर अनुकूल रुख है। पेंशनर्स की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर पेंशनरों के लिए अच्छी व्यवस्था करनी होगी, ताकि वह सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर सकें।”

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उन्होंने कहा, “मैं फिर वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के सामने यह मुद्दे उठाऊंगा और आपके हित में फैसले कराऊंगा।”

वहीं धरने में शामिल महाराष्ट्र से आई 72 साल की बुजुर्ग महिला कमला बाई पवार ने कहा, “मैं मंत्री जी का धन्यवाद करती हूं कि उन्होंने हमारी मांगों को मानते हुए वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के सामने यह प्रस्ताव रखा है, लेकिन मैं उन्हें आगाह भी करना चाहती हूं कि अगर दिसंबर में तय तारीख तक हमारी मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही नहीं की गई तो मैं फिर से दिल्ली आउंगी और इस बार तो आत्मदाह कर के ही रहूंगी।”

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