इस शुभ खुले आज बदरीनाथ धाम के कपाट, शामिल हुए केवल 11 लोग

बदरीनाथ धाम के कपाट आज शुक्रवार को तड़के चार बजकर 30 मिनट पर खोल दिए गए। इस मौके पर बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी, धर्माधिकारी, अपर धर्माधिकारी व अन्य पूजा स्थलों से जुड़े 11 लोग ही शामिल हुए। वहीं धाम में कुल 28 लोग मौजूद थे। कोरोना लॉकडाउन की वजह से इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब कपाट खुलते वक्त धाम में श्रद्धालु मौजूद नहीं थे।

जेष्ठ माह, कृष्ण अष्टमी तिथि, कुंभ राशि  धनिष्ठा नक्षत्र, ऐंद्रधाता योग के शुभ मुहूर्त पर कपाट खुले। इस अवसर पर सोशल डिस्टेंसिंग  का पालन हुआ, मास्क पहने गए। इस बार सेना के बैंड की सुमधुर ध्वनि, भक्तों का हुजूम, भजन मंडलियों की स्वर लहरियां बदरीनाथ धाम में नहीं सुनायी दी।
कपाट खुलने को लेकर देवस्थानम बोर्ड ने तैयारियां पूरी कर ली थी। इसी के तहत प्रात: तीन बजे से बदरीनाथ धाम में कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू होने लगी। देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी/ सेवादार -हक हकूकधारी मंदिर परिसर के निकट पहुंच गए। कुबेर जी बामणी गांव से बदरीनाथ मंदिर परिसर में पहुंचे तो रावल एवं डिमरी हक हकूकधारी भगवान के सखा उद्धव जी एवं गाडू घड़ा तेल कलश लेकर द्वार पर पूजा हेतु पहुंचे।
वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ द्वार पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। प्रात: 4 बजकर  30 मिनट पर रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी द्वारा धाम के कपाट खोल दिये गए। मंदिर के कपाट खुलते ही माता लक्ष्मी जी को मंदिर के गर्भ गृह से रावल द्वारा मंदिर परिसर स्थित लक्ष्मी मंदिर में रखा गया। श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी बदरीश पंचायत के साथ विराजमान हो गए।
10 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया
इससे पहले बृहस्पतिवार को योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से कुबेर जी, उद्धव जी, गरुड़ जी, आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी और गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा के साथ बदरीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी) ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी बदरीनाथ धाम पहुंचे।

योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर में कुबेर जी, उद्धव जी और गरुड़ जी की विशेष पूजाएं हुईं। हक-हकूकधारियों ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए भगवान को पुष्प अर्पित किए। भक्तों ने भगवान बदरीनाथ से कोरोना संकट से निजात दिलाने की कामना की।

बृहस्पतिवार सुबह पांडुकेश्वर से डोली यात्रा बदरीनाथ के रावल के साथ बदरीनाथ धाम के लिए निकली तो पुलिस ने पांडुकेश्वर में ही यात्रा को रोक दिया। सभी के पास चेक किए गए। जो बिना पास थे, उनको लौटा दिया गया। लोगों ने डोली को रोकने का विरोध किया। उनका कहना था कि डोली को इस तरह रोकना अशुभ माना जाता है।

बदरीनाथ धाम को 10 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया है। पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश की ओर से मंदिर को सजाया गया। बदरीनाथ सिंह द्वार, मंदिर परिसर, परिक्रमा स्थल, तप्त कुंड के साथ ही विभिन्न स्थानों को लगातार सैनिटाइज किया जा रहा है।

 

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि धाम परिसर में सामाजिक दूरी का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति को मास्क पहनना जरुरी होगा।

निर्देश जारी किए गए हैं कि लॉकडाउन की अवधि तक धाम में पहुंचे पुजारियों को बिना प्रशासन की अनुमति के बदरीनाथ क्षेत्र से अन्यत्र जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इससे पहले निर्धारित तिथि पर केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुल चुके हैं।

बदरीनाथ धाम के इतिहास में यह पहली बार हुआ जब धाम में वेद मंत्रों और जय बद्रीनाथ का जयघोष तो सुनाई दिया, पर भक्तों का हुजूम नहीं रहा। धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि यह धाम के इतिहास में पहली बार हुआ, जब धाम के कपाट खुलने पर भक्तों की मौजूदगी नहीं रही।

चमोली नेहरु युवा केंद्र के जिला समन्वयक डा. योगेश धस्माना ने बताया कि वर्ष 1920 में स्वामी विवेकानंद सरस्वती हैजा रोग फैलने के कारण बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा पर नहीं जा पाए थे और कर्णप्रयाग से ही लौट गए थे।

लेकिन तब यह संकट की स्थिति यात्रा के मध्य में आई थी।  पूर्व में धाम के कपाट खोलने की तिथि 30 अप्रैल तय हुई थी। लेकिन कोरोना संकट के कारण कपाट खोलने की तिथि 15 मई तय की गई ।

प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने आशा प्रकट की है कि शीघ्र कोरोना महामारी समाप्त हो जाएगी। यथा शीघ्र उत्तराखंड चारधाम यात्रा शुरू होगी तथा तीर्थ यात्री दर्शनों के लिए पहुंच सकेंगे।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कपाट खुलने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि भगवान बदरीविशाल के कपाट खुलते ही अब उत्तराखंड के चारों धामों के कपाट खुल गए हैं। उचित समय पर चार धाम यात्रा भी शुरू हो जायेगी। इसके लिए वह केंद्र से भी लगातार संपर्क में हैं।

चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाई ने भी बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर प्रसन्नता जताई है।

उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कोरोना लॉकडाउन के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग सहित सरकारी एडवाइजरी का पालन किया गया। मास्क पहने गए एवं साफ सफाई का ध्यान रखा गया।

 

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