इंडोनेशिया को सता रहा चीन का कर्ज !

बीजिंग का भारी-भरकम निवेश अब इंडोनेशिया में भी चुनावी मुद्दा बन गया है. इंडोनेशिया के विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार की चीन के पक्ष में बनाई गईं नीतियां देश को कर्ज के जाल में फंसा रही हैं.

इंडोनेशिया में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हो रहे हैं. विपक्षी दल के नेता पूर्व जनरल प्राबोवो सुबियान्तो अपने प्रचार में चीनी निवेश पर लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं.

बीजिंग ने बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत जकार्ता में बड़े स्तर पर निवेश किया है. सुबिआन्तो राष्ट्रवाद के मुद्दे पर चुनावी लड़ाई लड़ रहे हैं और उन्होंने सत्ता में आने पर चीनी निवेश की समीक्षा करने का वादा किया है.

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सुबिआन्तो कैंपेन के फॉरेन अफेयर्स डायरेक्टर इरवन रोनोडिपुरो ने AFP से कहा, बीजिंग के सभी BRI प्रोजेक्ट की समीक्षा की जानी चाहिए. आंख मूंदकर इन सभी परियोजनाओं का स्वागत करना राष्ट्रीय हित से समझौता करने जैसा है.

सिंगापुर आधारित इंस्ट्टियूट ऑफ साउथईस्ट एशियन स्टडीज के शोधकर्ता डेजी सिमाडजुंटक ने कहा, चीन की बढ़ती आर्थिक ताकत कई एशियाई देशों में अहम चुनावी मुद्दा बन गया है…विपक्ष दल के नेता सत्ता दल की चीन समर्थक होने को लेकर आलोचना करते हैं और चुनाव जीत जाते हैं.

2014 में कार्यभार संभालने के बाद से विडोडो ने चीनी निवेश को प्रोत्साहित किया है. पिछले साल चीन और इंडोनेशिया ने बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव के तहत 23 अरब डॉलर का समझौता किया है जिसमें दो हाइड्रो पावर प्लांट्स और एक पावर स्टेशन भी शामिल है.

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