आर्थिक संकट: एक लाख का नोट छापेगा जा रहा ये देश, जिससे मिलेगा सिर्फ आधा किलो चावल

देश में कोरोना का कहर लगातार जारी है जिसके चलते भारत ही नहीं लगभग सभी देशों की अर्थिक हालत सही नही है। इसी महामारी के दौर में दक्षिण अमेरिकी देश की अर्थिक हालात दिन-प्रतिदिन लगातार खराब होती जा रही है। यहां महंगाई का आलम यह है कि लोग बैग और बोरों में भरकर नोट लेकर जाते हैं और हाथ में टंगी पालीथीन में घर के लिए सामान खरीदकर लाते हैं। अब आप सोच रहे है इतनी नोट लेकर जात है तो उसमें बस इतना ही समान मिलता है क्या इसकी कारण देश में बढ़ रही मेहगाई का बजह से हो रहा है। जिसकी वजह से ये देश अब एक लाख का नोट बनाने के फिराक में है।

वेनेजुएला में अगर 1 लाख बोलिवर के नोट छापे जाते हैं तो यह सबसे बड़े मूल्यवर्ग का नोट बन जाएगा। हालांकि इसकी कीमत तब भी 0.23 यूएस डॉलर ही होगी। इतने रुपये में यहां केवल दो किलो आलू या आधा किलो चावल ही खरीद पाएंगे। वहां की सरकार लोगों को सहूलियत देने के लिए बड़े मूल्यवर्ग के नोटों को छापने की योजना बना रही है। जिससे आम लोग बड़ी संख्या में नकदी को लेकर जाने से बचेंगे।


कोरोना वायरस लॉकडाउन और तेल से मिलने वाले पैसों के खत्म होने से वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था लगातार सातवें वर्ष मंदी में है। आशंका जताई जा रही है कि इस साल के अंत तक इस देश की अर्थव्यवस्था 20 फीसदी सिकुड़ जाएगी। भ्रष्टाचार के कारण इस देश की अर्थव्यवस्था और बदतर होती जा रही है। इस समय वेनेजुएला में भ्रष्टाचार इतना अधिक है कि आपको पैदल चलने के लिए रिश्वत भी देनी पड़ सकती है।

वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था की हालत अब यह हो गई है कि देश को सोना बेचकर सामान खरीदना पड़ रहा है। वेनेजुएला में लाखों लोग भूखे पेट सोते हैं। क्योंकि उनके पास खाने के लिए भोजन नहीं है। एक रिपोर्ट के अनुसार, वेनेजुएला में लगभग 700,000 लोग ऐसे हैं जिनके पास दो वक्त का खाना खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। वर्तमान समय में कोरोना के कारण हालात और ज्यादा खराब हो गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, 2013 के बाद लगभग 30 लाख लोग अपने देश को छोड़कर पड़ोसी देश ब्राजील, कंबोडिया, इक्वाडोर और पेरू में शरण लिए हुए हैं। हालात यहां तक खराब हैं कि इन देशों ने वेनेजुएला की सीमा पर अपनी फौज को तैनात किया हुआ है। वर्तमान समय में यह दुनिया के किसी देश में हुआ सबसे बड़ा विस्थापन है।

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