आप कब जाएंगे विदेश जाने हथेली की इन रेखाओं से

अक्सर लोग मुझसे प्रश्न करते है कि क्या हमारे हाथ में विदेश योग है। विदेश में आजीविका कमाना बहुत लोगो का सपना है। कुछ लोगो को यात्राएं करना पसंद होता है। दूर देशो का भ्रमण करना उन्हे रूचिकर लगता है। हमारे हाथों की लकीरें इन यात्राओं के योग को दर्शाती है। यात्राओं के लिए चंद्र ग्रह एवम चंद्र पर्वत का मुख्य योगदान है। पुराने ज्योतिष और हस्त सामुद्रिक शास्त्र में चंद्र को समुद्री यात्रा या जल का कारक मानते है। आज इक्कीसवीं सदी में यह धारणा उतना ही महत्व रखती हैं।

आप कब जायेंगे विदेश जाने हथेली की इन रेखाओं से

चन्द्रमा को मन का कारक भी मानते है। अकसर देखने में आया है कि अगर हमारी हथेली में चंद्रमा की स्थिति अच्छी नहीं है तो व्यक्ति विचलित रहता है। उसके मन में उथल पुथल लगी रहती है। चंद्रमा बदलाव भी देता है। ऐसे व्यक्ति कोई भी कार्य टिककर नहीं कर सकते। वह जल्दी ऊब जाते है। हथेली में विदेश यात्रा का योग देखने के लिये हम चंद्र पर्वत को महत्व देंगे। देखिये आपकी हथेली में इसकी स्थिति कैसी है —

आप कब जाएंगे विदेश जाने हथेली की इन रेखाओं से

यदि आपकी हथेली पर चंद्र पर्वत विकसित है और अन्य रेखाएं शुभ हैं, तो व्यक्ति की विदेश जाने की इच्छा पूर्ण होती है।

आप कब जाएंगे विदेश जाने हथेली की इन रेखाओं से
हथेली पर दोष युक्त चंद्र पर्वत एवं रेखाएं इच्छापूर्ति में बाधक होती हैं। चंद्र पर्वत पर छोटी-छोटी रेखाएं छोटी और कम लंबी यात्राएं बताती हैं। यह यात्राएं देश विदेश दोनो में हो सकती हैं।
कलाई से चंद्र पर्वत पर जाने वाली रेखाएं विदेश यात्रा के बारे में बताती हैं।

विदेश से धन का योगः
अगर हमारी हथेली में मत्स्य (मछली) का चिन्ह है तो विदेश से धन मिलता है। चन्द्र पर्वत पर मत्स्य का चिन्ह विदेश से आय बताता है।

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विदेश में नौकरी का योगः
जीवन रेखा से निकल कर चन्द्र पर्वत की ओर जाने वाली रेखा हो तो व्यक्ति विदेश में व्यापार या नौकरी करता है। अंततः देश में वापस आ जाता है।

यात्रा रेखा में चतुष्कोण हो तो भी व्यक्ति विदेश में जा कर बसता है। अगर ये रेखाएं निर्दोष एवं लंबी हो तो उसकी विदेश से आजीविका कमाने की लालसा पूरी होती है। दोषपूर्ण रेखाएं अड़चने एवं परेशानियां बताती हैं।

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