आदतों का सबसे बड़ा प्रभाव खुशियों पर जानिए कैसे…

आदतों का सबसे बड़ा प्रभाव हमारी खुशियों पर पड़ता है इसलिए खुश रहना है तो इन्हें बदलना सबसे जरुरी है । गलत आदतें जहाँ ‘दु:ख और परेशानियाँ देती हैं, वहीं अच्छी आदतें खुशियाँ-ही-खुशियाँ देती हैं। देर रात तक सोना, सुबह देर से उठना, काम पर समय से न जाना, ठीक तरह से खाना न खाना, व्यायाम न करना, दूसरों को भला-बुरा कहना, ईमानदार न होना, परिवार को महत्त्व न देना, हर किसी को बुरा कहना, संवेदन शून्य होना, अपने कामों पर ध्यान न देना, चादर से अधिक पाँव फैलाना जैसी आदतें जीवन से खुशियों को छीन कर दु:ख और परेशानियों से भर देती हैं।

बुरी आदतों को छोड़कर यदि आप अच्छी आदतों को अपनाते हैं तो इससे आपके व्यक्तित्व के विकास के साथ आपकी खुशियाँ भी बढ़ती हैं। इनसान अच्छी आदतों के लिए ही समाज में पहचाना जाता है। अपनी आदतों को बदलकर, मतलब बुरी आदतों को भूलकर अपनी जिंदगी में खुशियों की बहार लाई जा सकती है। इस आर्टिकल में खुश रहने के कुछ टिप्स तथा तरीके बताएं गये है जिन्हें अपनाकर आप जीवन के प्रति अपने नज़रिये में काफी बदलाव कर सकते है |

हमेशा खुश रहने के उपाय

दिन की सही शुरुआत

  • कुछ लोग दिन की शुरुआत झगड़े या ‘तू-तू, मैं मैं’ से करते हैं। ऐसी शुरुआत आपको दिन भर के लिए तनावग्रस्त बना देती है। तू तू, मैं में से हुई शुरुआत से आप न अच्छा खा सकते हैं और न अच्छा सोच सकते हैं।
  • सुबह की शुरुआत बड़े ही शांतिपूर्ण तरीके से होनी चाहिए, जिससे दिन भर के लिए एक नई ताजगी मिले। सुबह उठकर व्यायाम करें। अच्छे से स्नान करें। भगवान से प्रार्थना करें।
  • सुबह का नाश्ता भरपूर होना चाहिए, जिससे दिन भर शरीर को ऊर्जा मिलती रहे। स्वास्थ्यवर्धक व पौष्टिक नाश्ता लें। अधिक घी तेल में बने चटपटे मसालेदार वसायुक्त खाना खाने से दिमाग का सारा ध्यान पाचन क्रिया में जुट जाता है, जिससे सुस्ती छाने लगती है।
  • हलकी, स्वास्थ्यवर्धक, पौष्टिक खाद्य सामग्री, जैसे– फल व सलाद आदि का सेवन करें, जो शरीर को अधिक ताकतवर तथा फुर्तीला बनाए रखने में सहायक होते हैं। जब आप सुबह से ही ऊर्जावान बने रहेंगे तो आपको दिन भर में हर काम को करने में खुशी मिलेगी।

सुबह के पहले घंटे

  • सुबह के पहले घंटे काफी महत्त्वपूर्ण होते हैं। इस घंटे में आप अपनी सोच को बदलने के लिए गति दे सकते हैं। यह आपके दिन की शुरुआत के लिए नई ऊर्जा और जोश देगा। इस समय आप पिछली परेशानियों को सोचने के बजाय आगे की जरुरी योजनाओं पर सोचें। आपकी सोच अधिक-से अधिक सकारात्मक दिशा में हो, जो आपके अंदर एक जोश, ऊर्जा का संचार करेगी।
  • सुबह का पहला घंटा गोल्डन आवर्स के रूप में माना जाता है। इस घंटे में आप स्वयं को अच्छे से तैयार करें, जिससे आप दिन भर व्यवस्थित रह सकते हैं। अधिकतर लोग अपने सुबह के पहले घंटे पर ध्यान नहीं देते हैं, इसलिए उनका जीवन बड़ा ही अव्यवस्थित रहता है। वे दिन भर कंफ्यूज और परेशान रहते हैं। अपने गोल्डन आवर्स में अपनी दिनचर्या को अच्छे से बना लें। फिर देखें, आपकी खुशियाँ आपके पास रहेंगी।

हर दिन की पूर्व योजना बनाएँ।

  • खुश रहने के लिए हर दिन की पहले से योजना बनाकर चलें तो आप दूसरों से अधिक खुश रह सकते हैं। अगले दिन क्या करना है, इसकी पूरी योजना रात में सोने से पूर्व बना लें। सुबह उठकर एक प्लानिंग के अनुसार क्रमबद्ध तरीके से अपना काम पूरा करें।
  • ऐसा करने से आपको किसी तरीके की दिक्कत व परेशानी नहीं होगी। आपका दिन काफी व्यवस्थित और खुशियों से भरा होगा। इससे आपको एक फायदा और होगा। रात में सोने से पहले अगले दिन के कार्य की सूची बना लेने के बाद आपको सुकून की नींद आएगी। खुशियों को पाने के लिए ऐसी ही छोटी-छोटी बातों पर ध्यान रखने की आवश्यकता होती है।

वर्तमान में जिएँ

  • जो लोग अतीत को पकड़े रहते हैं और भविष्य में छलाँग लगाते हैं, उनके मुकाबले वर्तमान में जीनेवाले लोग अधिक सफल और खुश होते हैं। खुशी में जीना है तो वर्तमान में जीना सीखो। खुश रहने के फायदे मानसिक तौर पर ही आपको फिट नहीं रखते बल्कि आपको कई गंभीर बिमारियों से भी बचाते है |
  • जो बीत गई, सो बीत गई—उसे भुला दें। अतीत को पकड़कर रखने पर तनाव और दु:ख के अलावा कुछ नहीं मिलता है। अतीत की उन्हीं बातों को ध्यान में रखें, जहाँ आपसे गलतियाँ हुई हैं। उन गलतियों को इसलिए याद रखें, ताकि आप दुबारा उन गलतियों को न दोहराएँ। इसके अलावा, सारी बातों को अपने दिमाग से निकाल दें। आपकी जिंदगी बड़ी सुकूनवाली बन जाएगी।
  • जो लोग वर्तमान को भूलकर भविष्य के बारे में अधिक सोचते हैं, वे लंबी छलाँग लगाने में लगे रहते हैं। उनका जीवन भी तनावग्रस्त हो जाता है। वर्तमान में रहकर भविष्य की तैयारी करें। वर्तमान में रहकर भविष्य की तैयारी लाभकारी होती हैं। वर्तमान को भूलकर भविष्य की तैयारी करना किसी काल्पनिक दुनिया में घूमने जैसा है।
  • भविष्य की जो भी योजनाएँ बनाएँ, वे वर्तमान में कर रहे कार्यों को ध्यान में रखकर बनाएँ, तभी आप खुश रह सकते हैं। वरना भविष्य की योजना बनाते-बनाते वर्तमान को बिगाड़कर दु:ख और परेशानियों के साथ आपको गुजारा करना पड़ेगा।

जीवन को व्यवस्थित करें।

  • जीवन यदि व्यवस्थित नहीं है तो खुशियाँ आपके पास नहीं रह सकतीं। जीवन को व्यवस्थित करें। अस्त व्यस्त लोग तनाव, हड़बड़ी व परेशानी में रहते हैं। उनके जीवन में खुशियाँ नाम की चीज नहीं होती। वे अपना सारा समय खुद को सुलझाने में लगा देते हैं। अस्त-व्यस्त काम की वजह से तनाव में घिरे रहते हैं, जिसकी वजह से खुशियाँ उनके पास नहीं रहती। व्यवस्थित लोग किसी तरह भी परेशानी में नहीं होते। उनका जीवन सुचारु रूप से चलता है। हर पल उनका खुशियों से सामना होता है और वे आनंद से सराबोर रहते हैं।

खुश रहने के लिए ये जरुरी है की आप चादर से अधिक पाँव न फैलाएँ

खुश रहने के लिए ये जरुरी है की आप चादर से अधिक पाँव न फैलाएँ

  • आज की उपभोक्तावादी संस्कृति ने शारीरिक सुख तो मनुष्य को बहुत दिया है लेकिन मानसिक तनाव पहले के मुकाबले काफी बढ़ा भी दिया है, जिसके पीछे कई कारण है इनमे से सबसे बड़ा कारण है अधिक मशीनों की वजह से मनुष्य की एक दूसरे पर निर्भरता में कमी होना इससे व्यक्ति का दिमाग हमेशा मशीनों से ही घिरा रहता है | आप एक चीज खरीदते है और दूसरे सामान का सपना देखते रहते है फिर इसी लालच को पूरा करने के दबाव में मानसिक तनाव का शिकार हो जाते है |
  • आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया, यह आपके लिए तनाव पैदा करता है। आमदनी से अधिक खर्च करके आप कुछ देर के लिए खुश रह सकते हैं, पर महीने के आखिर में आपकी परेशानी बढ़ जाती हैं। तब आपके पास अपने आपको कोसने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता है।
  • हमेशा खुश रहने के लिए चादर से अधिक पाँव न फैलाएँ। यह हमेशा परेशानी पैदा करती है। जितनी चादर हो उतना ही पैर फैलाना चाहिए। दूसरों की देखा देखी दिखावा करना तनाव की स्थिति पैदा करता है। इसलिए जितनी चादर हो, उतना पैर फैलाएँ और खुश रहें। विशेषतौर पर शोशल मिडिया पर दिखावे के चक्कर में लोग एक दूसरे की नकल की अंधी दौड़ में ईर्ष्या (जलन) जैसी कई परेशानियों से घिर जाते है |

दूसरों से जल्दी प्रभावित न हो जाएँ।

  • कुछ लोगों की आदत होती हैं कि वे दूसरों की बातों में आ जाते हैं। दूसरों की बातों से जल्दी प्रभावित होनेवाले हमेशा परेशानी की स्थिति में होते हैं। दूसरों की बातों में आकर खुशी को जाने मत दें। किसी भी व्यक्ति द्वारा कही गई बातों को अच्छे से समझ व जान लें; क्योंकि लोगों को मूर्ख बनाकर अपना उल्लू सीधा करने वाले कहीं भी मिल सकते हैं।
  • अपनी खुशियों को बचाए रखना चाहते हैं तो लोगों की बातों में न आएँ। उनकी बातों को एक कान से सुनें और दूसरे से निकाल दें।

रिमोट न बनें

  • दूसरों की बातों पर चलने या उनके इशारों पर काम करने का मतलब है, रिमोट बन जाना। यदि आप रिमोट बन गए तो समझ लें, आप कभी खुश नहीं रह सकते हैं। वे लोग, जो दूसरों के कहने पर रहते हैं, वे उनके इशारे पर हमेशा नाचते रहते हैं। उनकी खुशियों की नकेल दूसरों के हाथ में होती है। जब खुशियों की नकेल दूसरों के हाथ में होगी तो स्वाभाविक है कि व्यक्ति अपनी खुशी को एंज्वॉय नहीं कर सकता है। अपने दम पर जिएँ, अपनी खुशियों के लिए जिएँ।

जलन ईर्ष्या न करें

  • किसी से ईर्ष्या करने का मतलब है-अपनी खुशियों को खाक करना। जिस तरह चिंता “चिता” के समान होती है, उसी तरह ईर्ष्या खुशियों को खत्म करती है। यदि आप किसी से ईर्ष्या करते हैं, इसका मतलब आप अंदर-ही-अंदर जलते हैं।
  • हमेशा खुश रहने के लिए ईर्ष्या से हर संभव तरीके से बचने की कोशिश करें। किसी से ईर्ष्या करना अच्छी आदत नहीं है। अपने काम से काम रखें। अपने काम में रुचि रखें। कौन क्या कर रहा है, कितनी तरक्की कर रहा है, कैसे तरक्की कर रहा है इन सब बातों के चक्कर में रहकर अपनी खुशियों को खराब न करें।

बिजी शेड्यूल

  • अधिक धन कमाने के चक्कर में लोग खुद को नींबू की तरह निचोड़ रहे हैं। इससे उन्हें तनाव, ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन, थकान, चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएँ हो जाती हैं। इससे बचने के लिए थोड़ा ब्रेक लें। ब्रेक लेने से शारीरिक व मानसिक थकान दूर होती है। इस दौरान आप गहरी साँस लें, मसल्स को स्ट्रेच करें । रिलेक्सेशन देने वाली हलकी-फुलकी एक्सरसाइज करें। मधुर संगीत सुनें । टी.वी. देखें । पुस्तकें पढ़ें । हँसी मजाक करें।

रोजाना कुछ न कुछ अच्छा काम करें

  • एक जानेमाने वरिष्ठ मनोचिकित्सक का कहना है की, ‘जो लोग भला काम नहीं करते हैं, वे हमेशा डिप्रेशन में रहते हैं। इसलिए हमेशा खुश रहने के लिए रोजाना कोई न कोई अच्छा काम करते रहना चाहिए।
  • हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, जो लोग खुले दिल से दूसरों की मदद करते हैं, सामाजिक कार्यों में लगे रहते हैं, वे तनाव से कोसों दूर रहते हैं। समाज-शास्त्र के प्रोफेसर डॉ. विलियम केनी का कहना है कि जो लोग सामाजिक कार्यों में रुचि नहीं लेते हैं, दूसरों के कार्य में रुचि नहीं लेते हैं या उनकी मदद नहीं करते हैं, वे हमेशा डिप्रेशन की स्थिति में रहते हैं।
  • दूसरों की भलाई करना एक अच्छी आदत है। इससे दोहरा लाभ यह होता है कि दूसरों की भलाई के साथ-साथ अपनी भी भलाई हो जाती है, यानी जीवन में तनाव दूर होता है और खुशियों की बहार आती है।

अच्छे बनें

  • बुरे लोग कभी भी खुश नहीं रह सकते; क्योंकि बुरी बातें, बुरी आदतें तथा बुरे कर्म तनाव के अलावा कुछ नहीं देते हैं। तनाव कभी खुशी नहीं दे सकता है।
  • शांत, सदाचारी, नेक, मददगार, ईमानदार तथा गुणवान व्यक्ति काफी खुश रहते हैं। डॉ. एलिस जैक का कहना है, ‘जो लोग अंदर से अच्छे होते हैं, वे वाकई खुश रहते हैं। शांत लोगों के जीवन में दु:ख, परेशानी, हताशा कभी नहीं आ सकती है। ऐसे लोगो को कोई भी दर्द, परेशानी और हताशा उन्हें विचलित नहीं कर सकती है।

हमेशा जिंदादिल और खुश रहने के लिए सपने जरुर देखें

  • ऐसा कहा जाता है कि हकीकत की दुनिया में जीना चाहिए, सपनों की दुनिया में नहीं। सपने आपकी खुशियों को छीन सकते हैं। लेकिन यह बात पूरी तरह सही नहीं है, हर किसी को सपने देखने चाहिए, ताकि उसे पूरा करने के लिए आपके अंदर एक उत्साह, एक लगन बनी रहे। जो लोग अधिक निराश हैं, खुशियाँ उनके जीवन से कोसों दूर चली गई हैं उन्हें सपने देखने चाहिए। सपने आपके अंदर आत्मविश्वास भी पैदा करते हैं। अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश करें। उसी पर डटे रहें। सपने देखना एक अच्छी आदत है। लेकिन व्यवहारिक सपने देखें ऐसे सपने देखने का भी कोई लाभ नहीं है जो आप पूरा ही ना कर सके |

प्रतिस्पर्धा नहीं, प्रतियोगिता करें

  • यदि आप किसी से प्रतिस्पर्धा करते हैं तो आपके अंदर तनाव बढ़ेगा। आपकी खुशियाँ आपसे दूर होंगी। इसके विपरीत, किसी प्रतियोगिता में शामिल होने पर आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा, खुशी का संचार होगा। देखा गया है कि प्रतिस्पर्धा से मन में द्वेष पैदा होता है, जो तनाव पैदा करता है। व्यक्ति को किसी भी प्रतिस्पर्धा से बचना चाहिए। आप प्रतिस्पर्धा के बजाय प्रतियोगिता करें। यह आपको आगे बढ़ने में मदद करेगा। इससे आपके अंदर आत्मविश्वास बढ़ेगा तथा मन में खुशियों की बढ़ोतरी भी होगी।

संवेदनहीन न बनें

संवेदनहीन न बनें
  • दुनिया में संवेदनहीन लोग सबसे अधिक नाखुश रहते हैं। हिटलर के बारे में सब लोग जानते हैं कि वह संवेदनहीन व्यक्ति था। किसी के प्रति उसके दिल में कोई संवेदना नहीं थी। वह तो लोगों को प्रताड़ित करने में लगा रहता था, जिसकी वजह से वह हमेशा तनाव की स्थिति में रहता था। अपने बुरे स्वभाव की वजह से उसके सैकड़ों दुश्मन हो गए थे। हिटलर अपने जीवनकाल में कभी खुश नहीं रहा। संवेदनहीन व्यक्ति कभी भी खुश नहीं रहता, इसलिए हमेशा खुश रहने के लिए कभी भी संवेदनहीन न बनें। दूसरो के प्रति थोडा उदार नजरिया रखें |

साहस देता है खुशी

  • विंस्टन चर्चिल का कहना है, ‘साहस सभी गुणों में सबसे बेहतर है, क्योंकि बाकी सभी इसी पर निर्भर होते हैं। इसी बात से अंदाज लगाया जा सकता है कि साहस खुशी भी देता है। डरपोक व्यक्ति डरा हुआ होता है। डर उसके अंदर की खुशियों को खत्म कर देता है।
  • साहसी व्यक्ति आत्मविश्वासी, सामर्थ्यवान होते हैं, जो अपने भीतर खुशी महसूस करते हैं। इसके विपरीत, डरपोक व्यक्ति हैरान, परेशान, कमजोर तथा नाखुश होते हैं। वैज्ञानिकों द्वारा ‘साहसी” लोगों का अध्ययन करने पर पाया गया कि साहस की वजह से उनके शरीर में सेरोटेनोन का निर्माण लगातार होता रहता है, जिसके कारण व्यक्ति खुशमिजाज और खुशदिल होता है।

आराम को त्याग दें।

  • आश्चर्य की बात यह है कि अधिक आराम करनेवाले व्यक्ति अधिक नाखुश रहते हैं। चिंता, तनाव और परेशानियाँ उन्हें घेरे रहती हैं।
  • खुश रहना है तो बिस्तर पर पड़े रहना, बेवजह लेटे रहना, हमेशा आराम करना जैसी आदतें छोड़ दें। ये आदतें खुशियों को खत्म करके तनाव बढ़ाने का काम करती हैं। आराम करने के बजाय अपने काम करते रहें । काम ख़ुशी देता है। कार्य में मिली सफलता अधिक खुशी देती है।

हमेशा खुश रहने के लिए परिवार को भी महत्त्व दें।

हमेशा खुश रहने के लिए परिवार को भी महत्त्व दें।

परिवार को महत्त्व दें

  • खुश रहना है तो अपने परिवार को महत्त्व देना जरूरी है। परिवार से दूर रहकर, उन्हें समय न देकर, उन्हें प्यार न करके आप कभी खुश नहीं रह सकते हैं। खुश रहने का एक महत्त्वपूर्ण नियम है कि अपने परिवार को महत्त्व दें।
  • अधिक काम के दबाव में बहुत सारे लोग स्वास्थ्य का खयाल नहीं रख पाते हैं। परिणाम, समय से पहले बुढ़ापा तथा कई रोगों के शिकार हो जाते हैं। खुशियाँ उनकी जिंदगी से काफी दूर हो जाती हैं। नाम कमाने, कम समय में अधिक-से-अधिक पैसा कमाने और प्रभावशाली बनने की धुन में 30 से 40 की उम्र के पेशेवर लोग समय से पहले ही बुजुर्ग दिखने लगते हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियों, तथा बी.पी.ओ. सेक्टर में काम करनेवाले लोग, अत्यधिक दबाव के चलते जवानी में ही उम्रदराज हो जाते हैं। काम तो करें, पर दबाव में काम न करें। पैसा जिंदगी के लिए जरूरी है, पर इसके लिए स्वास्थ्य व खुशियों को दाँव पर न लगाएँ। अपने जीवन और काम-काज में बैलेंस बनाएं | खुशियों को अपने पास रखें और स्वस्थ रहें।
  • जब आप अपने परिवार को महत्त्व देते हैं, तब परिवारवाले भी खुश रहते हैं, वरना उनकी स्थिति भी बुरी होती है। समय न देने पर वे दु:खी और परेशान रहते हैं। उनका जीवन भी नरकीय बन जाता है। अपने परिवार को महत्त्व देकर खुद भी खुश रहें, उन्हें भी खुश रखें।

अपने फैसले पर अडिग रहें।

  • खुश रहने का एक खास मंत्र हैं-अपने फैसले पर अडिग रहना। आपने जो लक्ष्य निर्धारित किया है, उसे पाने के लिए अडिग रहें। अपने मन को भटकने न दें। यदि आपका मन भटकता है तो आपके अंदर तनाव पैदा होगा। धैर्य से उसे पाने की कोशिश में लगे रहें।
  • कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि जो लोग अपने फैसले पर अडिग रहते हैं, वे अधिक खुश रहते हैं। जो अपने फैसले को बदलते रहते हैं, वे परेशान रहते हैं। इसलिए अपने लक्ष्य को न बदलें। यह आप में तनाव पैदा करेगा, जिससे आप नाखुश रहेंगे। एक ही जगह गहरा कुआँ खोदे जगह-जगह छोटे-छोटे गडढे खोदने से पानी कभी नहीं निकलता है |

पानी का बहना भी बनता है गंभीर बीमारियों की वजह साथ ही धन का होता है नाश

अपनी जिंदगी खुद बनाएँ।

  • किसी तरह की असफलता मिलने पर निराशा के अंधे कुएँ में जाकर अपनी खुशियों से मुँह छुपाकर न बैठें। अपनी जिंदगी खुद बनाएँ और खुश रहें ।
  • परेशानी के वक्त अपनी खुशी को अपने पास से न जाने दें। खुशी यदि आपके पास से चली गई तो समझ लें कि आपकी परेशानी बढ़ गई।

तरल बनें

  • यदि आप किसी भी मामले में सख्त हैं तो आपकी खुशियाँ उड़कर आपके पास से जा सकती हैं; क्योंकि आपका सख्त होना आपकी परेशानियों को बढ़ा सकता है। जीवन एक नदी के समान है, जो उन्नति, नवीनता, रोचकता का सफर तय कर आगे बढ़ती रहती है। इसके लिए तरल बनना जरूरी है, नहीं तो आपका जीवन पत्थर के समान वहीं का वहीं रुक जाएगा। इससे दुःख बढ़ेगा, खुशियाँ आपके पास से गायब होने लगेंगी।
  • बात बस इतनी है कि व्यक्तित्व को इतना तरल बनाएँ कि आप पूर्वग्रहों, रूढ़ियों, उदासियों, हताशाओं, निराशाओं आदि बाधाओं को दूर कर सकारात्मक सोच तथा एक नए विचार के साथ जीवन की सफलता की ओर आगे बढ़ सकें, खुश रह सकें।

खुश रहना है तो झिझक और हिचक को निकाल दें 

खुश रहना है तो झिझक

  • आपके मन में हिचक हैं तो आप खुश नहीं रह सकते, क्योंकि आपका ध्यान हिचकिचाहट को दूर करने में लग जाएगा। किसी भी बात की हिचक आगे बढ़ने से रोकती हैं। यह आगे बढ़ने के बजाय पीछे हटने के लिए मजबूर करती है। पीछे हटने की स्थिति में आपको आगे बढ़ने में परेशानी होगी।
  • आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़े, लोगों से खुलकर बात करें। किसी भी बात पर न हिचकिचाएँ। जीवन की छोटी-छोटी घटनाएँ हल कर जो खुशी होती हैं, वह दूसरे किसी काम में नहीं होती।

अकेले आपके साथ नहीं होते हादसे

  • यह कभी मत सोचिए कि दुनिया आपसे नाराज है या दुनिया भर का बोझ आपके कंधों पर है—हवा चलती हैं तो मुझे परेशान करने के लिए और बादल गरजते हैं तो मुझे हैरान करने के लिए।
  • जीवन की दुर्भाग्यपूर्ण बातों को बजाय अच्छी बातों पर ध्यान दीजिए। जिन चीजों पर आपका नियंत्रण नहीं, उन पर दुःखी मत होइये । खुश रहनेवालों और दु:खी रहनेवालों के बीच मुख्य फर्क यहीं होता है कि खुश रहनेवाले समस्याओं के बारे में नहीं, समाधानों के बारे में सोचते हैं। आप भी समस्याओं के समाधान के बारे में सोचिए और अगर समाधान संभव नहीं तो परेशान मत होइए। समस्या को ही भूल जाइए।
  • याद रखें, आप से पहले भी ये दुनिया थी आपके बाद भी ये दुनिया रहेगी इसलिए आप अपने आपको केवल एक यात्री के रूप में देखे जो यहाँ कुछ दशको के लिए घूमने आया है |

 

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