आतंकी संगठनों के नए लैपटॉप बम एयरपोर्ट सुरक्षा को दे सकते हैं झांसा

लैपटॉप बमनई दिल्‍ली। आईएसआईएस और अलकायदा जैसे खूंखार आतंकी संगठन खुफिया और जांच ऐजेंसियों को चकमा देने के आए दिन नए तरीके ईजाद कर रहे हैं। ऐसे ही एक नई उपज टाइनी बमों से सुरक्षा ऐजेंसियों और एयरपोर्ट जांच ऐजेंसियों की नींद उड़ी हुई है।

आतंकी इस तरह के छोटे बम बना रहे हैं जिसे लैपटॉप में फिट किया जा सकता है और एयरपोर्टों पर स्कैनर्स को चकमा दे सकता है। अमेरिका और ब्रिटेन ने हवाई यात्रा के दौरान 8 मुस्लिम बहुल देशों के यात्रियों के बड़े इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को लाने प्रतिबंध लगाने का जो फैसला किया है,  उसके पीछे यह भी एक वजह हो सकती है।

नई खुफिया जानकारियों के मुताबिक आतंकी संगठन एक खास तरह के बमों का परीक्षण कर रहे हैं जो एयरपोर्टों पर जांच के दौरान स्कैनर्स को भी चकमा दे सकेंगे। इस तरह के विस्फोटक को लैपटॉप या दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में फिट किया जा सकता है।

शायद इसी डर ने अमेरिका और ब्रिटेन ने मिडल ईस्ट और अफ्रीका के 8 मुस्लिम बहुल देशों के 10 एयरपोर्टों से यात्रा करने वाले यात्रियों को लैपटॉप या दूसरे बड़े इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

सीबीएस न्यूज ने अमेरिका के होमलैंड सिक्यॉरिटी डिपार्टमेंट के एक बयान के हवाले से बताया, ‘जहां तक पॉलिसी की बात है तो हम खास खुफिया सूचनाओं पर सार्वजिनक तौर पर चर्चा नहीं करते हैं। हालांकि खुफिया जानकारियां इस तरह इशारा करती हैं कि आतंकी संगठन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में विस्फोटकों के जरिए कमर्शल एविएशन को निशाना बना सकते हैं।’

बयान में कहा गया है, ‘अमेरिकी सरकार मौजूदा खुफिया जानकारियों का लगातार पुनर्मूल्यांकन कर रही है और नई जानकारियां इकट्ठा कर रही है। होमलैंड सिक्यॉरिटी डिपार्टमेंट और ट्रांसपोर्टेशन सिक्यॉरिटी ऐडमिनिस्टेशन लगातार उड्डयन सुरक्षा प्रक्रिया और नीतियों का मूल्यांकन कर रहे हैं ताकि यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाई जा सके।’

कई अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक हवाई जहाजों में आतंकी हमले की आशंका को लेकर पिछले कुछ महीनों से सेना और खुफिया एजेंसियों की चिंता बढ़ी हुई है। अधिकारियों ने सीएनएन को बताया कि अमेरिका अरब प्रायद्वीप और सीरिया में अलकायदा और आईएसआईएस की गतिविधियों पर नजर रख रहा है।

एफबीआई के विशेषज्ञों ने कई तरह के लैपटॉप बम का टेस्ट किया है ताकि समझा जा सके कि एयरपोर्टों पर लगे स्कैनर्स को इन्हें डिटेक्ट करने में कितनी दिक्कत हो सकती है। अमेरिका ने 21 मार्च से जॉर्डन, कतर, कुवैत, मोरक्को, यूएई, सऊदी अरब, मिस्र और तुर्की से अमेरिका के लिए सीधी उड़ानों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ यात्रा पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।

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