‘मीठा झूठ’ बोलने से अच्छा है कि ‘कड़वा सच’ बोला जाए, इससे आपको ‘सच्चे दुश्मन’ जरूर मिलेंगे लेकिन ‘झूठे दोस्त’ नहीं Kush TiwariMay 22, 2017 - 12:02 am Less than a minute