आज का सुविचार: शिक्षा पर चाणक्य के विचार, आप भी जान लें

हमें अपने जीवन को सफल बनाने के लिए कठिन परिश्रम के पथ पर इमानदारी से चलना पड़ता है। जीवन में सफलता पाने के आचार्य चाणक्य ने कई अचूक और कारगर उपाय बताए हैं। यदि व्यक्ति अपने जीवन में उन्हें उतार ले तो सफलता निश्चित है। आचार्य चाणक्य एक शिक्षक होने के साथ-साथ एक कुशल अर्थशास्त्री भी थे। उन्हें अर्थशास्त्र का गहरा ज्ञान था। आचार्य को यह ज्ञात था कि मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए क्या सही है क्या गलत है। आचार्य चाणक्य ने मनुष्य को स्वार्थी नहीं बनने की सलाह दी, क्योंकि स्वार्थी इंसान खुद के लिए भी किसी खतरनाक जीव से कम नहीं है। उन्होंने अपने गहन अधय्यन और बौद्धिक कौशल से जीवन में सफलता प्राप्त करने की कई नीतियां बनाई थीं।

  • “शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है।”
  • “वे माता-पिता अपने बच्चों के लिए शत्रु के समान हैं, जिन्होंने बच्चों को ‍अच्छी शिक्षा नहीं दी। क्योंकि अनपढ़ बालक का विद्वानों के समूह में उसी प्रकार अपमान होता है जैसे हंसों के झुंड में बगुले की स्थिति होती है।”
  • “मनुष्य का जन्म बहुत सौभाग्य से मिलता है, इसलिए हमें अपने अधिकाधिक समय का सदुपयोग शास्त्रों आदि के अध्ययन में करना चाहिए।”
  • “दूसरों की गलतियों से सीखो अपने ही ऊपर प्रयोग करके सीखने को तुम्हारी आयु कम पड़ेगी।”
  • “अज्ञानी के लिए किताबें और अंधे के लिए दर्पण एक समान उपयोगी है।”
  • “शास्त्र का ज्ञान आलसी को नहीं हो सकता।”
  • “एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पता है।”
  • “शास्त्र का ज्ञान आलसी को नहीं हो सकता।”
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