आज का सुविचार: … तो इस तरह इन लोगों को करें संतुष्ट, नहीं होगी कोई परेशानी

आचार्य चाणक्य बहुत गुणवान और विद्वान थे। वह शिक्षक होने के साथ ही एक कुशल अर्थशास्त्री भी थे। अपनी कुशलता को प्रबल करने के लिए चाणक्य ने पूरी निष्ठा से गहन अध्ययन किया था। चाणक्य ने अपने कौशल और बुद्धि के बल से जीवन में सफलता प्राप्त करने की कई नीतियां बनाई थीं। चाणक्य द्वारा बनाई गई उन सभी नीतियों का संग्रह चाणक्य नीति शास्त्र में है। आज हम उन्हीं नीतियों में से कुछ नीतियां आपको बताने जा रहे हैं जिससे आपके विचारों में बदलाव होने के साथ ही आपके दैनिक जीवन में भी सुधार हो जाएगा। साथ ही आज हम आपको बताएंगे कि इन लोगों को किस तरह संतुष्ट करना चाहिए तो आइए जानते हैं चाणक्य के सुविचार-

  1. क्या करना उचे कुल का यदि बुद्धिमत्ता ना हो। एक नीच कुल में उत्पन्न होने वाले विद्वान् व्यक्ति का सम्मान देवता भी करते हैं।

2. वह चीज जो दूर दिखाई देती है, जो असंभव दिखाई देती है, जो हमारी पहुच से बहार दिखाई देती है। वह भी आसानी से हासिल हो सकती है यदि हम तप करते हैं क्योंकि तप से ऊपर कुछ नहीं।

3. निति भ्रष्ट होने से सुन्दरता का नाश होता है, हीन आचरण से अच्छे कुल का नाश होता है, पूर्णता न आने से विद्या का नाश होता है, उचित विनियोग के बिना धन का नाश होता है।

4. जब आदमी में शक्ति नहीं रह जाती वह साधू हो जाता है। जिसके पास दौलत नहीं होती वह ब्रह्मचारी बन जाता है। रुग्ण भगवान का भक्त हो जाता है। जब औरत बूढी होती है तो पति के प्रति समर्पित हो जाती है।

5. चाणक्य के मुताबिक एक लालची आदमी को भेट वास्तु दे कर संतुष्ट करें, एक कठोर आदमी को हाथ जोड़कर संतुष्ट करें, एक मुर्ख को सम्मान देकर संतुष्ट करें और एक विद्वान आदमी को सच बोलकर संतुष्ट करे। इस तरह से आपको किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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