आज का सुविचार : चाणक्य नीति : हीरा, मोती और सोना नहीं बल्कि यह हैं पृथ्वी के बहुमूल्य रत्न

आचार्य चाणक्य ने जीवन के मूल्यों को समझाने और जीवन में सफलता पाने की कई नीतियां बनाई हैं। आचार्य चाणक्य द्वारा बनाई गई उन नीतियों का संग्रह नीति शास्त्र में मिलता है। नीति शास्त्र में लिखे एक श्लोक के मुताबिक, पृथ्वी के सभी रत्नों में अन्न,जल और मीठे वचन सबसे बहुमूल्य रत्न हैं। इन रत्नों के सामने हीरा, मोती, पन्ना और सोना महज़ एक पत्थर के समान हैं। इस धरती पर जल तो बहुत है मगर पीने योग्य जल की मात्रा कम है।

आचार्य चाणक्य यह जानते थे कि पानी कितना अनमोल है। जल के बिना इंसान का जीवन असंभव है। जल की ही तरह मनुष्य के पोषण के लिए अन्न बहुत आवश्यक है।

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अन्न और जल से इंसान अपने जीवन की रक्षा कर पाता है, इससे उसके प्राणों की रक्षा होती है और साथ ही शरीर को पोषण मिलता है, जिससे मनुष्य की बल-बुद्धि में बढ़ोतरी होती है।

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