DRS  को आईसीसी की मंजूरी, महिला विश्व कप में पहली बार होगा इस्तेमाल

दुबई। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल(आईसीसी) ने क्रिकेट के तीनों प्रारुपो में एक समान डीआरएस के इस्तेमाल को हरी झंडी दे दी है। यह सिस्टम इस साल अक्टूबर से लागू हो सकता है।आईसीसी

आईसीसी के अनुसार अब से डीआरएस का इस्तेमाल क्रिकेट के सभी प्रारुपो टेस्ट, वनडे और टी-20 में होगा। आईसीसी ने यह फैसला दुबई में दो दिन तक चली मीटिंग में लिया।

इस मिंटिग में ही इस बात का प्रपोजल भी रखा गया कि सीरीज में आइसीसी ही डीआरएस का खर्चा उठाएगी। लंदन में होने वाली आईसीसी की मीटिंग में इस पूरे प्रपोजल पर आखिरी मुहर लगेगी।

इस मीटिंग में यह भी प्रपोजल रखा कि जो भी ऑर्गनाइजेसन डीआरएस तकनीक मैचों में मुहैया कराएगी, उसके लिए मैसाचुसेट्स तकनीकी संस्थान (एमआईटी) से पहले इसकी जांच और सहमति हासिल करना भी अनिवार्य होगा।

इस जांच के बाद ही इसका इस्तेमाल मैंचो में किया जाएगा। पिछले साल डीआरएस में उपयोग की जाने वाली तकनीक हॉकआई, हॉट स्पॉट, अल्ट्रा एज, रियल टाइम स्निको की भी एमआईटी में जांच कराई गई थी।

डीआरएस का इस्तेमाल अभी बड़े पैमाने पर नहीं होने से यह तकनीक अभी महंगी है। इसलिए आईसीसी के सदस्य देश इसके इस्तेमाल से बचते है।

आईसीसी ने कहा “मई में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल की क्रिकेट काउंसिल इसके इस्तेमाल पर और संक्षेप में चर्चा करेगी और जून 2017 में इस पर आखिरी फैसला लिया जाएगा, जिसके बाद इसी साल अक्टूबर में इसे लागू किया जाएगा।”

इस मीटिंग एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया कि अब से अंतराष्ट्रीय टी-20 मैचो में भी डीआरएस का इस्तेमाल किया जाएगा। इस फैसले के बाद वेस्ट इंडीज में 2018 में होने वाले आईसीसी टी-20 महिला विश्व कप इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल का पहला टी-20 टूर्नामेंट होगा जिसमें डीआरएस का इस्तेमाल होगा।

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