आईटी कंपनी माइंडट्री के 66% शेयर के साथ इतने करोड़ो रूपये में खरीदेगी एलएंडटी

नई दिल्ली : अर्थव्यवस्था कि दुनिया में चाहे फैन्सिअल कंपनी हो या इन्वेटमेंट कंपनी सभी अपनी विकास कि रफ्तार पकड़ रही है। देखा जाए तो इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की प्रमुख कंपनी लार्सन एंड टूब्रो ने आईटी कंपनी माइंडट्री की 66% हिस्सेदारी 10,800 करोड़ रुपए में खरीदने का प्रस्ताव पेश किया है। जहां ट्रांजेक्शन 980 रुपए प्रति शेयर के भाव किए जाएंगे। लेकिन यह माइंडट्री के सोमवार को बंद शेयर भाव से 1.8% ज्यादा है।

शेयर

बता दें कि बीएसई पर माइंडट्री का शेयर सोमवार को 962.50 रुपए पर बंद हुआ था। जहां वीजी सिद्धार्थ के माइंडट्री के पूरे 20.32% शेयर खरीदने के लिए एलएंडटी ने उनसे एग्रीमेंट किया है। सिद्धार्थ कैफे कॉफी डे के प्रमोटर हैं। वो माइंडट्री के सबसे बड़े शेयरहोल्डर हैं। उनसे शेयर खरीदने के लिए एलएंडटी 3,269 करोड़ रुपए का भुगतान करेगी।

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खबरों के मुताबिक एलएंडटी ने ब्रोकर्स के जरिए ओपन मार्केट से 15% शेयर खरीदने के लिए की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। अतिरिक्त 31% शेयर खरीदने के लिए बाद में ओपन ऑफर लाया जाएगा।

5,030 करोड़ रुपए में 31% शेयर ओपन ऑफर के जरिए खरीदे जाएंगे। 15% हिस्सेदारी 2,500 करोड़ रुपए में खरीदी जाएगी। अधिग्रहण के लिए रेग्युलेटर्स की मंजूरी जरूरी होगी। एलएंडटी का कहना है कि माइंडट्री को शेयर बाजार में स्वतंत्र रूप से लिस्टेड कंपनी रखा जाएगा।

यह अधिग्रहण पूरा हुआ तो यह देश के आईटी सेक्टर में यह पहला होस्टाइल (प्रतिकूल) अधिग्रहण होगा। माइंडट्री के बोर्ड मेंबर इसके खिलाफ हैं। बोर्ड ने एलएंडटी को पत्र भी लिखा था। माइंडट्री के बोर्ड का कहना है कि ज्यादातर कर्मचारी और संस्थागत निवेशक इसके लिए तैयार नहीं कि कंपनी पर एलएंडटी का कंट्रोल हो, क्योंकि दोनों अलग-अलग सेक्टर की कंपनियां हैं।

माइंडट्री ने शेयर बायबैक के लिए बुधवार को बोर्ड मीटिंग बुलाने का फैसला भी किया था। लेकिन एलएंडटी ने इससे पहले ही माइंडट्री के सबसे बड़े शेयरधारक वीजी सिद्धार्थ से एग्रीमेंट कर अधिग्रहण का ऐलान कर दिया।

किसी कंपनी को खरीदने के लिए उसके मैनेजमेंट से बिना बात किए सीधे शेयरहोल्डर्स से डील करना होस्टाइल टेकओवर या फोर्स्ड टेकओवर बिड कहलाता है। कई बार खरीदार, टारगेट कंपनी के मैनेजमेंट को बदलने की कोशिश करता है या फिर टेकओवर के लिए आकर्षक ऑफर देता है। टारगेट कंपनी का मैनेजमेंट कोशिश करता है कि टेकओवर न हो।

दरअसल एलएंडटी अपनी दो सब्सिडियरी कंपनियों एलएंडटी इन्फोटेक और एलएंडटी टेक्नोलॉजी के जरिए पहले से आईटी सेक्टर में सेवाएं दे रही है। अपना क्लाइंट बेस और प्रोडक्ट रेंज बढ़ाने के लिए यह माइंटड्री को खरीदना चाहती है।

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