अवैध खनन को लेकर बढ़ सकती हैं अखिलेश यादव की मुश्किलें, जानें क्या है पूरा मामला

REPORT – VINEET KUMAR TIWARI

हमीरपुरः सीबीसाई की नजर अब अधिकारियों के साथ सफेदपोशों की ओर टेढ़ी हो रही हैं। सपा सरकार में खनिज मंत्री रहे गायत्री प्रजापति से सीबीआई पूछताछ कर सकती है क्योंकि गायत्री के ही कार्यकाल में सबसे ज्यादा मौरंग खनन के पट्टे हुये थे। लेकिन सीबीआई ने जिन 8 मौरंग के पट्टो को अवैध खनन का आधार बनाकर 11 लोगों पर एफआईआर दर्ज करवाई है अखिलेश यादव के सीएम रहते किए गए थे। साथ उन्होंने ही खनिज विभाग का चार्ज लिया था। सीएम कार्यालय से ही 14 मौरंग पट्टो को चलाने की मंजूरी मिली थी। ऐसे में अखिलेश यादव पर भी अवैध खनन की गाज गिर सकती है।

हमीरपुर में अवैध खनन घोटाले की परते लगातार खुलती जा रही है, परतो के साथ साथ उस दौरान शामिल नेता और अधिकारी भी इसमें फंसते नजर आ रहे हैं। पिछले तीन दिनों में सीबीआई ने खनिज विभाग में तो छापेमारी की ही साथ ही डीएम और एडीएम से पूछताछ भी की, पिछले दिन सुबह से ही खनिज विभाग के मौरंग माफियाओ में हलचल तेज रही।

दोपहर बाद सपा एमएलसी रमेश मिश्रा ने अपने भाई दिनेश मिश्रा के साथ सीबीआई कैम्प में पेश हुये, सीबीआई ने उनसे लगभग 5 घंटे तक पूछताछ की, रमेश मिश्रा सपा शासन में बड़े खनन व्यापारी थे जिनके नाम आईएस बी चन्द्रकला ने सबसे ज्यादा मौरंग खनन के लिए पट्टे किये थे। शाम होते होते सीबीआई सदर कोतवाली भी पहुंची जहां से सपा शासनकाल में मौरंग खनन और ट्रको में ओवर लोडिंग के दौरान की गयी छापेमारी करते हुए डीएफओ नागेन्द्र सिंह से पूछतांछ करते हुए कुछ कागजात कब्जे में लिए है क्योंकि 2014 में कुछ मौरंग के पट्टे वनविभाग की जमीन में जबरन अवैध खनन का काम किया गया था ।

सपा शासन काल में हुए 9 सौ करोड़ के खनन घोटाले की जाँच कर रही सीबीआई ने पूर्व आईएएस बी चंद्रकला समेत ,सपा एमएलसी रमेश मिश्र ,पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित सहित 11 लोगों को मुख्य आरोपी बनाया है और 63 को इसमें वादी बनाया था इस बार फिर उसने 78 खनन कार्य से जुड़े लोगों को नोटिस दिया है और उन्हें अपने समक्ष पेश होने के आदेश दिए हैं।

जुलाई 2012 के बाद जिले में 62 मौरंग के खनन के पट्टे दिए थे ई-टेंडर के जरिए मौरंग के पट्टे देने का था प्रावधान जिलाधिकारी पद पर रहते हुए सारे प्रावधानों की अनदेखी कर तत्कालीन जिलाधिकारी बी चन्द्रकला ने रमेश मिश्रा के साथ मिलकर जिले में जमकर अवैध खनन करवाया था जिसके बाद 2015 में मौरंग के अवैध खनन पर HC में एक जन हित याचिका दायर हुई थी ।

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इसके बाद 16 अक्टूबर 2015 को HC ने सभी खनन पट्टे अवैध घोषित कर दिया था जिसके बाद भी अवैध खनन का यह काला कारोबार जरी रहा। अब फिर सीबीआई ने यहाँ पहुंच कर अपनी जाँच का दायरा बढ़ा दिया है जिसमे 2019 में चालू हुए 25 नये मौरंग पट्टो की भी जाँच शुरू कर दी है। जिनमे एनजीटी ने खनन कार्य में रोक लगा दी थी। लेकीन सूत्रों की माने तो सीबीआई ने जिन मौरंग के पट्टो को आधार बनाकर 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है वो आखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहते हुए स्वीकृत हुए थे। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है की खुद इस अवैध खनन के खेल में अखिलेश यादव घिरते नजर आ रहे हैं।

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