अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने को तैयार कुमारस्वामी सरकार, लेकिन पीछे हट सकती है बीजेपी
ग्रामीण विकास मंत्री कृष्ण बी गौड़ा ने कहा, ‘राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा की गई और जो निर्णय किया गया वह यह था कि सरकार संकट की स्थिति में है, इसको लेकर कोई संदेह नहीं है। इसके विभिन्न कारणों और उसे सुलझाने के कदमों पर भी चर्चा गई।’
कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने दावा किया कि सरकार को अस्थिर करने का यह छठा या सातवां प्रयास है। उन्होंने कहा, ‘इसे भाजपा द्वारा केंद्र सरकार का इस्तेमाल करते हुए लगातार हमला कहा जा सकता है।’
उन्होंने कहा, ’आज तक हमने उनके सभी हमलों का सामना किया है, हम मानते हैं कि इस बार स्थिति पहले से अधिक गंभीर है लेकिन हर तरह से विचार करने के बाद मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने इसका एकजुट होकर सामना करने का संकल्प लिया है।’
गौड़ा ने कहा कि कैबिनेट ने, छोड़कर जाने वाले विधायकों को मनाने का प्रयास जारी रखने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि वह सरकार को बचाने के लिए सभी संभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा, ‘सभी मंत्रियों ने अपने विचार रखे और सरकार को बचाने के लिए एकीकृत प्रयास करने की बात की।’
बता दें कि कांग्रेस और जदएस के 16 विधायकों के इस्तीफों से 13 महीने पुरानी गठबंधन सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है। इस्तीफा देने वाले 16 विधायकों में 13 कांग्रेस से और तीन जदएस से हैं। गठबंधन का सदन में संख्याबल 116 (कांग्रेस 78, जदएस 37 और बसपा एक) हैं। इसके अलावा एक विधानसभाध्यक्ष हैं।
सोमवार को इस्तीफा देने वाले दो निर्दलीयों के समर्थन से भाजपा के पास 224 सदस्यीय विधानसभा में संख्याबल 107 हो गया है।
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कुमारस्वामी बोले, मैं क्यों दूं इस्तीफा
उन्होंने 2009-10 के उस वाकये की याद दिलाई, जब कुछ मंत्रियों सहित 18 विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का विरोध किया था, लेकिन उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया था।