अयोध्या: राम मंदिर निर्माण में इस कंपनी को सौंपा जाएगा काम, नृपेंद्र मिश्रा ने दिया ये बयान…

रिर्पोट- महेंद्र त्रिपाठी

 

अयोध्या : अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे भरोसेमंद नौकरशाह नृपेंद्र मिश्रा रविवार को वापस लौट गए. शनिवार को उन्होंने दिन भर राम मंदिर के शिफ्टिंग स्थल को लेकर निर्माण के दौरान दर्शनार्थियों के दर्शन पूजन में व्यवधान ना आए और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासनिक अफसरों और ट्रस्ट के लोगों और विशेषज्ञों से राम जन्मभूमि परिसर के मानस भवन में गहन परिचर्चा की थी. इसके बाद उन्होंने लार्सन एंड टुब्रो के प्रोजेक्ट मैनेजर और नेशनल बिल्डिंग कारपोरेशन के एक रिटायर्ड अधिकारी जो विशेषज्ञ के तौर पर उनके साथ आया था, राम मंदिर निर्माण स्थल की साइड विजिट कराई थी और उसकी मैपिंग भी की गई थी. इसके बाद सर्किट हाउस में नृपेंद्र मिश्र ने इन विशेषज्ञों और अफसरों के साथ 3 घंटे से अधिक समय तक राम मंदिर निर्माण की लागत स्थान और समय सीमा को लेकर विचार विमर्श किया था ।

राम मंदिर

रविवार को लगभग 10 बजे वापस लौटते समय नृपेंद्र मिश्र ने साफ कर दिया कि लार्सन एंड टुब्रो देश की बहुत बड़ी कंपनी है. उसके प्रोजेक्ट मैनेजर को उन्होंने राम मंदिर निर्माण स्थल की साइड विजिट कराई थी और कंपनी को कुछ न कुछ काम दिया जाएगा लेकिन यह कौन-कौन से कार्य होंगे इसे ट्रस्ट को तय करना है.

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इसी के साथ उन्होंने यह भी साफ किया कि उनके साथ विशेषज्ञ के तौर पर नेशनल बिल्डिंग कारपोरेशन के एक रिटायर्ड अधिकारी मित्तल जी साथ ही आए थे और उन्होंने भी राम मंदिर निर्माण स्थल का भ्रमण किया है. उन्होंने 3 और  4 मार्च को होने वाली ट्रस्ट की बैठक से अनभिज्ञता दर्शाई और कहा कि अगर कोई बैठक होगी तो औपचारिक होगी. इसी के साथ उन्होंने यह भी साफ किया कि ट्रस्ट ने एक प्रस्ताव किया है की प्रेस से अगर कोई वार्ता के लिए अधिकृत है तो वह चंपत राय है. मैं केवल सदस्य हूं इसलिए मुझे उसका पालन करना चाहिए ।

 

नृपेंद्र मिश्रा , “चंपत राय जी बोलेंगे उन्होंने प्रस्ताव किया है और उसका अनुशासन हमें पालन करना चाहिए क्योंकि मैं तो सदस्य हूं. प्रस्ताव में ही लिखा हुआ है की प्रेस से वार्ता करने के लिए श्री चंपत राय जी अधिकृत है ,कोई बैठक तो थी नहीं. मुझे आना था मैं फिर आऊंगा. ऐसा कोई संकेत तो नहीं है की तीन-चार मार्च को बैठक होगी लेकिन अगर होगी तो कोई औपचारिक बैठक नहीं है. आपकी जानकारी के लिए बता दूं की जितने भी सदस्य हैं सबके अपने-अपने प्रोग्राम लगे हुए थे. तो यह बात हुई थी कि जैसा सबको सूट करें उसी हिसाब से प्रोग्राम बना लें. निर्माण तो लगभग-लगभग शुरू हो चुका है, आप सब लोगों ने देखा है कल गए, हमने देखा आपने यह भी देखा होगा कि हमारे साथ 2 तकनीकी लोग थे. कल जो 2 लोग थे उसमें एक तो लार्सन एंड टुब्रो से थे प्रोजेक्ट मैनेजर थे और दूसरे एनबीसी से थे नेशनल बिल्डिंग कारपोरेशन से जो रिटायर हुए हैं .मित्तल साहब वह साथ में मेरे आए थे तो एक तरीके से समझिए आप वह जायजा ले रहे थे. कैसे शुरुआत होगी अब लार्सन एंड टूब्रो देश की बहुत बड़ी कंपनी है कुछ तो कार्य उसे सौंपा जाएगा. लेकिन क्या सौंपा जाएगा यह ट्रस्ट को निर्णय लेना है.

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