अमेरिका से फिर आई आवाज़, दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा है इस्लाम

अमेरिकावाशिंगटन| अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि कट्टरपंथी इस्लाम अमेरिका और दुनिया की राष्ट्रीय सुरक्षा पर सबसे बड़ा खतरा बन गया है।  इसे हर हाल में हराना देश का पहला लक्ष्य होना चाहिए।

ट्रंप ने यहां एक समारोह में कहा, ‘कट्टरपंथी इस्लाम को हराने के लिए अमेरिका में हमें निश्चित रूप से द्विदलीय लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और अपने सहयोगियों के साथ एक इंटरनैशनल लक्ष्य तय करना चाहिए।’

ट्रंप ने धार्मिक कंजरवेटिव्स के सम्मेलन में नैतिक ईमानदारी की आवाज के रूप में खुद को राष्ट्रपति बनाने की अपील भी की।

समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, वाशिंगटन में वैल्यूज वोटर्स समिट को शुक्रवार रात संबोधित करते हुए रियल एस्टेट करोबारी ट्रंप ने कहा कि यदि वह चुने जाते हैं तो 1954 के कानून के उस हिस्से को निरस्त कर देंगे, जिसे जॉनसन संशोधन के रूप में जाना जाता है। यह कानून चर्च जैसे संस्थानों को, जिन्हें कर छूट प्राप्त है, राजनीतिक उम्मीदवार का समर्थन करने पर रोक लगाता है।

ट्रंप ने कहा, “पादरियों को बातचीत करने और बोलने पर कानून के जरिए रोक लगा दी गई है। हमलोग इस कानून से बहुत तेजी से छुटकारा पाने जा रहे हैं।”

वास्तव में जॉनसन संशोधन केवल धर्मोपदेशक के आसन पर लागू होता है और अमेरिकी धर्मगुरु अन्य चुनावों में उम्मीदवारों का समर्थन करने के लिए स्वतंत्र हैं।

दो बार तलाक ले चुके ट्रंप ने रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनने के लिए जब चुनाव प्रचार शुरू किया था तो सामाजिक रूप से पुरातन पंथियों को साफ तौर पर वह पसंद नहीं थे।

उसके बाद से लेकिन बहुतों ने खुद की ओर आकर्षित करने वाले ट्रंप को पसंद करना शुरू कर दिया। चुनावी मतदान से पता चलता है कि ईसाई धर्म को मानने वालों ने डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन की जगह ट्रंप को बहुत अधिक पसंद किया था।

ट्रंप ने शुक्रवार को कहा, “मेरी इस यात्रा का सबसे बड़ा सौभाग्य यह है कि मैंने देश भर के ईसाई समुदाय और आस्थावान लोगों के साथ समय व्यतीत किया।”

अमेरिका को एक विभाजित देश बताते हुए ट्रंप ने इसके जवाब में खुल्लमखुल्ला आस्था का प्रचार किया।

उन्होंने कहा, “यह हमारा ईश्वर व उनके उपदेशों और एक-दूसरे में भरोसा होगा, जो हमें फिर से एकजुट करेगा।”

रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार ने अभिभावकों को अपनी पसंद के अनुसार अपने बच्चों को निजी या धार्मिक विद्यालयों में भेजने के लिए संघ की ओर से उन्हें 200 अरब डॉलर मुहैया कराने का आह्वान कर भीड़ को खुश कर दिया।

ट्रंप ने कहा, “मेरी योजना से सरकार का वर्चस्व टूट जाएगा। विद्यालयों को हमारे बच्चों को सबसे अच्छी सेवा मुहैया कराने के लिए प्रतिस्पर्धा करनी होगी। इस पैसे से विद्यार्थी सरकारी, निजी या धार्मिम विद्यालय में जा सकेंगे जो उनके और उनके परिवार के लिए सबसे अच्छे होंगे।”

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