अपने इस काम से संसद में विपक्ष को शर्मसार कर देंगे PM मोदी

लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वो गाली को गहना बना लेते हैं। लोकसभा सत्र के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री को लेकर कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग किया, जिससे कांग्रेस बैकफुट पर आ गई।

अब राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सरकार द्वारा पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के जवाब के समय यह संभव है कि प्रधानमंत्री एक बार फिर अपने चिरपरिचित अंदाज में कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष को जवाब दें।

PM मोदी

विपक्ष नहीं टटोल पा रहा है जनता की नब्ज

सरकार की तरफ से लोकसभा में चर्चा की शुरुआत केंद्रीय मंत्री प्रताप चंद सारंगी ने और राज्यसभा में भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की। दोनों ही सदनों में चर्चा का मुख्य केंद्र बिंदु राष्ट्रवाद रहा। प्रधानमंत्री की सोच को आगे बढ़ाने के साथ प्रताप चंद सारंगी और जेपी नड्डा ने विपक्ष को नसीहत लेने की सीख दी। उन्होंने कहा कि विपक्ष यदि कुछ नहीं सीखेगा तो धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा।

उन्होंने पाकिस्तान जिंदाबाद, अफजल गुरू के हत्यारे जिंदा है जैसे नारे लगाने वालों पर भी करारा प्रहार किया। ऐसे लोगों के इस देश में रहने के हक पर भी सवाल उठाया और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बगैर विपक्ष को प्रधानमंत्री का आदर करने की नसीहत भी दी। प्रताप चंद सारंगी की ही लाइन पर चलकर लेकिन परिपक्व तरीके से जेपी नड्डा ने भी विपक्ष की राजनीति को आईना दिखाया।

विपक्ष ने भी नहीं बदली रणनीति

विपक्ष की तरफ से लोकसभा में चर्चा की शुरुआत अधीर रंजन चौधरी ने और राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद ने की। अधीर रंजन चौधरी ने मुख्य विपक्षी दल के नेता के के रूप में भरपूर उत्साह दिखाया। केंद्र सरकार के राष्ट्रवाद पर तंज, ताना सब कसा। केंद्र सरकार के पिछले पांच साल के कामकाज को खारिज किया, मॉब लिंचिंग का मुद्दा उठाया। प्रधानमंत्री की तुलना नाली से की, फिर अपनी खराब हिंदी का सहारा लेकर माफी मांग ली।

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अब बारी प्रधानमंत्री की है

प्रधानमंत्री कालेधन पर सरकार के रुख, आर्थिक भगोड़ों पर कार्रवाई की प्रगति समेत तमाम तथ्यों को सदन के सामने रख सकते हैं। विपक्ष को बता सकते हैं कि उन्होंने पांच साल के कम समय में ऐसा क्या किया, जो देश की जनता का विश्वास मजबूती से हासिल कर पाए। वह बता सकते हैं कि कैसे उनकी सरकार में कानून को ताक पर रखकर आर्थिक अपराध करने वालों की छटपटाहट बढ़ रही है और यह छटपटाहट विपक्षी दल में दिखाई दे रही है।

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