अजीब से सन्नाटे के बीच जागा हिंसा प्रभावित भाटपारा

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में हिंसा प्रभावित भाटपारा में रविवार को एक उदासीन व वीरान सा नजारा दिखा, क्योंकि इलाके में निषेधात्मक आदेशों के बीच बहुत कम लोगों ने घरों से बाहर कदम रखा। हिंसा के चीन दिन बाद बैरकपुर औद्योगिक क्षेत्र के तहत आने वाले इलाके में दहशत और आशंका के माहौल के कारण दुकानें बंद रहीं। हिंसा में दो लोगों की जान चली गई और कम से कम चार लोग घायल हो गए।

कांकिनारा बाजार, जहां रविवार को भीड़ रहती हैं, वहां बहुत कम लोगों के घरों से बाहर निकलने के कारण सन्नाटा पसरा रहा।

एक स्थानीय व्यवसायी ने कहा, “क्षेत्र में अशांति के कारण हम अपना कारोबार सामान्य रूप से नहीं चला पा रहे हैं। पिछले 35 दिनों से हम शायद ही अपनी दुकानें खोल पाएं, क्योंकि बदमाश जब-तब बम फेंक रहे हैं।”

बाहरी लोगों को क्षेत्र में प्रवेश से रोकने के लिए घोषपारा और कल्याणी हाईवे के पास महत्वपूर्ण क्रॉसिंग पर कई पुलिस पिकेट बनाए गए हैं। पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के जवान इलाके में तैनात हैं।

सांसदों एस.एस. अहलूवालिया, विष्णु दयाल राम और सत्यपाल सिंह वाले तीन सदस्यीय भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार दोपहर भाटापारा में दो मृतकों – रामबाबू शॉ और धरमबीर शॉ के घर का दौरा किया।

इलाके से प्रतिनिधिमंडल के जाते ही तनाव भड़क उठा। पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाने के बाद स्थानीय लोगों के एक समूह ने ड्यूटी पर मौजूद पुलिस कर्मियों पर पथराव कर दिया।

पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए दो बार लाठीचार्ज का सहारा लिया, जिसके परिणामस्वरूप एक व्यक्ति को सिर में चोट लगी।

23 मई को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से बैरकपुर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल है।

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भाटपारा से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पूर्व विधायक अर्जुन सिंह, जो चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हो गए थे, उन्होंने बैरकपुर लोकसभा सीट जीती, जबकि उनके बेटे पवन सिंह ने भाटपारा से विधानसभा उपचुनाव जीता था।

पुलिस की बर्बरता के खिलाफ, स्थानीय सांसद अर्जुन सिंह के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को बैरकपुर पुलिस आयुक्तालय के बाहर प्रदर्शन किया।

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