अगर ले रहें हैं नींद की गोलियां तो हो सकता है आपकी सेहत को खतरा!

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम किसी न किसी बात की टेंशन ले ही लेते हैं. ऐसे में रात में अक्सर नींद आना मुश्किल हो जाता है. जब ये दिक्कत ज्यादा बढ़ जाती है तो हम नींद की गोलियों का सहारा लेते हैं. लेकिन इन गोलियों से हमारे शरीर को भारी नुकसान पहुंचता है. स्लिपिंग पिल्स लेना अच्छी आदत नहीं होती है. इससे हमें कुछ वक्त के लिए तो आराम मिल जाता है लेकिन लॉन्ग रन में ये हमारे शरीर पर बुरा असर डालती हैं. इसलिए इनको लेने से पहले इनके बारे में जान लेना जरुरी है. आपको बता दें कि अधिकांश नींद की गोलियों को सेडेटिव हिपनॉटिक्स के रूप में जाना जाता है यानी नींद को सम्मोहित करनेवाले तत्वों का मिश्रण.

 

नींद की गोलियां

ये बात ध्यान देने योग्य है कि यह दवाइयों या ड्रग्स की दुनिया में एक अलग कैटिगरी है, जिसका उपयोग नींद को बढ़ाने और बनाए रखने के लिए किया जाता है। इन सेडेटिव हिपनॉटिक्स में बेंजोडायजेपाइन, बार्बिटूरेट्स और विभिन्न हिपनॉटिक्स शामिल होते हैं। बेंजोडायजेपाइन के सेवन से व्यक्ति को उनींदापन यानी हर समय ड्राउजीनेस फील होती है। अधिक समय तक स्लिपिंग पिल्स लेने से हाथ की हथेलियों में जलन या कंपन्न महसूस हो सकती है। सिर्फ हथेलियों में नहीं ऐसी दिक्कत हाथों, पैरों या तलुओं में भी महसूस हो सकती है.

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भूख अनियमित हो सकती है। पेट खराब रह सकता है या कब्ज की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। कई बार डायरिया का कारण भी ये दवाइयां बन जाती हैं।लंबे समय तक नींद की गोलियां लेने से शरीर पर नियंत्रण कई बार अचानक खो जाता है। ऐसे लोगों को लगातार नींद आने जैसा अहसास होता रहता है। गला सूखना, गैस बनना, सिर में दर्द रहना, सीने में जलन होना, यादाश्त पर कम या ज्यादा असर होना, पेट में दर्द या मरोड़ होना, शरीर के किसी हिस्से में कंपन्न होना और उस पर नियंत्रण ना कर पाना। कमजोरी महसूस होना और बेकार के सपने आते रहना.

 

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