अगर चोरी हो जाए आप की कार, इन GPS डिवाइसों की मदद से फोन पर देख सकते हैं लोकेशन
अगर आपकी कार चोरी हो जाती है तो आप तुरंत ही अपने स्मार्टफोन में इसकी लोकेशन हासिल कर सकते हैं।
अगर आपकी कार चोरी हो जाए तो फिर इसे ढूंढ पाना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में अगर आप चाहें तो जीपीएस डिवाइस की मदद से इसे सुरक्षित बना सकते हैं। आज हम आपको जीपीएस डिवाइसों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप अपनी कार को देश में कहीं भी ट्रैक कर सकते हैं और उनकी रियल टाइम पोजीशन भी जान सकते हैं।
वायर्ड जीपीएस डिवाइस
जीपीएस यानी (ग्लोबल पोजीशनिंंग सिस्टम) एक ऐसा डिवाइस होता है जो लगातार अपनी लोकेशन आप तक भेजता रहता है। वायर्ड जीपीएस डिवाइस का इस्तेमाल ज्यादातर लोग बड़े वाहनों में करते हैं। ये डिवाइस वाहन की निचली तरफ फिट कर दिया जाता है। इसके बाद डिवाइस का कनेक्शन बैटरी से कर दिया जाता है। ये डिवाइस आपके वाहन की बैटरी से पावर लेकर सैटेलाइट तक सिग्नल भेजता है जिसे आप अपने स्मार्टफोन पर रिसीव कर सकते हैं। ये डिवाइस बेहद ही कारगर होता है और किसी भी वेदर कंडीशन में सिग्नल भेजना बंद नहीं करता है। ऐसे में आप अपने वाहन को देश के किसी कोने में बैठे-बैठे ट्रैक कर सकते हैं। ये जीपीएस आकार में बड़े और वजनी होते हैं।
वायरलेस जीपीएस
वायरलेस जीपीएस बैटरी पावर्ड होता है जिसे आप अपनी कार में रख सकते हैं। ये डिवाइस वायर्ड जीपीएस से कम क्षमता के होते हैं। इनका इस्तेमाल ज्यादातर छोटे वाहनों में किया जाता है। हालांकि इन्हें आपको समय-समय पर चार्ज करना पड़ता है। इनकी खासियत ये है कि इन्हें फिक्स करने की जरूरत नहीं पड़ती है। मतलब ये है कि आप जिस कार या बाइक में चाहें इस डिवाइस को कैरी कर सकते हैं। वहीं वायर्ड जीपीएस को जिस वाहन में फिक्स कर दिया जा सकता है ये उसी में इस्तेमाल किया जा सकता है। वायरलेस जीपीएस आकार में काफी छोटा और पोर्टेबल होता है।
अगर आपकी कार चोरी हो जाती है तो आप तुरंत ही अपने स्मार्टफोन में इसकी लोकेशन हासिल कर सकते हैं। ये डिवाइस बेहद सटीक तरह से काम करते हैं। इनके इस्तेमाल से आप कम समय में ही अपने वाहन का पता लगा सकते हैं और चोरी की घटनाओं से अपने वाहन को सुरक्षित बना सकते हैं। इन डिवाइसेज की कीमत 3,000 रुपये से शुरू होकर 10,000 रुपये तक जाती है।