अखिलेश और राहुल का घर भी मोदी के नाम, वहां भी जनता को नहीं दिखा काम

अखिलेश और राहुलभदोही। उत्तर प्रदेश की कालीन नगरी भदोही में अखिलेश और राहुल का जलवा नहीं चला, बल्कि यहां लोगों ने मोदी को ही पंसद किया। पूर्वाचल के भदोही जिले में समाजवादी पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया। हालांकि सभी सीटों पर सपा, भाजपा, और भाजपा-निषाद पार्टी में सीधी टक्कर रही। भदोही विधानसभा में सबसे दिलचस्प मुकाबला दिखा जहां भाजपा और सपा के बीच बेहद कम वोटों से हार-जीत का फैसला हुआ। औराई सुरक्षित से पूर्वमंत्री एवं भाजपा उम्मीदवार दीनानाथ भाष्कर को जीत मिली है। जबकि ज्ञानपुर से सपा के बागी और बाहुबली विजय मिश्र जीत का चौका लगाने में सफल रहे हैं। वहीं भदोही सीट पर भाजपा और सपा में जीत का अंतर कम होने से का मामला विवाद में फंस गया है। यहां दोबारा मिलान और काउंटिंग में भाजपा उम्मीदवार रविंद्रनाथ त्रिपाठी की जीत हुई।

भदोही की तीनों सीटों पर उम्मीदवारों में कांटे की टक्कर दिखी है। भदोही विधानसभा में भाजपा उम्मीदवार रविंद्रनाथ त्रिपाठी ने कड़े मुकाबले में वर्तमान सपा विधायक जाहिद जमाल बेग को 1105 मतों से पराजित किया। यहां हार-जीत का अंतर बेहद कम होने से सपा विधायक ने दोबारा काउंटिंग का प्रार्थना पत्र दिया। इसके बाद भदोही प्रेक्षक की तरफ से दोबारा गणना हुई, जिसमें आखिरकार भाजपा विधायक रविंद्रनाथ त्रिपाठी ने सपा के जाहिद बेग को पराजित किया।

भाजपा को 79,519 मत मिले, जबकि सपा को 78,414 मत मिले। इस प्रकार यहां भाजपा विजयी हुई। बसपा यहां तीसरी पायदान पर रहीं। बसपा उम्मीदवर रंगनाथ मिश्र को यहां से 56,555 मत हासिल हुए।

इसके अलावा औराई सुरक्षित सीट से भाजपा उम्मीदवार एवं पूर्वमंत्री दीनानाथ भाष्कर ने सपा की वर्तमान विधायक मधुबाला पासी को करारी शिकष्त दी है। 19807 मतों से उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी सपा की मधुबाला पासी एवं वर्तमान विधायक सपा को पराजित किया है। यहां पासी को 63,430 जबकि भाष्कर को 83,237 वोट मिले हैं। औराई में 2480 लोगों ने नोटा का प्रयोग किया है। हालांकि यहां समाजवादी पार्टी बहुत पीछे होने की बात कहीं जा रही थी लेकिन भाजपा को कड़ी टक्कर मिली है। उसे मोदी लहर का सीधा लाभ मिला है।

सबसे प्रतिष्ठा परक ज्ञानपुर सीट से बाहुबली विधायक विजय ने जीत का चैका लगाया है। लगातार उन्होंने चैथी बार जीत दर्ज की है। समाजवादी पार्टी से टिकट कटने के बाद उन्होंने कई दलों की गठबंधन वाली निषाद पार्टी का दामन थामा था।

उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के डाक्टर महेंद्र बिंद को पराजित किया। हलांकि यहां माना जा रहा था कि निषाद पार्टी का सीधा मुबाबला सपा के रामरति बिंद है। लेकिन यह कयास बेइमानी साबित हुआ। भाजपा को यहां लड़ाई में नहीं माना जा रहा था जबकि भाजपा दूसरे पर रही। भाजपा उम्मीदवार महेंद्र बिंद ने यहां 44,680 मत हासिल किया। जबकि विजय मिश्र ने 19,997 मतों से जीत हासिल किया। विजय मिश्र को यहां कुल 64,667 मत हासिल हुए।

सपा यहां तीसरे नंबर पर रही। सभी उम्मीदवारों ने जीत के लिए मोदी और जनता को धन्यवाद दिया। बोले, “यह जाति-धर्म नहीं विकास की जीत हुई है।” प्रचार के दौरान हालांकि प्रधानमंत्री भी जाति-धर्म का पासा फेंकने से चूके नहीं थे।

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