हर तरफ मंदी का दौर! MTNL कर्मचारियों को नहीं मिली हैं 2 महीने से सैलरी , CMD ने दी अपनी सफाई… 

देश में मंदी का दौर चल रहा हैं. देखा जाये तो कारोबारी दुनिया हो ये फिर प्राइवेट नौकरी हो हर तरफ मंदी की छाई हैं. वहीं टेलिकॉम सेक्टर कि कंपनी MTNL में भी कर्मचारियों को 2 महीने से सैलरी नही मिल रही हैं. जिसकी वजह से सारे कर्मचारी बेहद परेशान हैं और साथ ही उन्हें परेशानियों  का सामना  करना पड़ रहा हैं.

 

 

 

 

खबरों के मुताबिक आर्थिक संकट से जूझ रही टेलिकॉम सेक्‍टर की कंपनी एमटीएनएल के कर्मचारियों को जुलाई और अगस्‍त की सैलरी नहीं मिली है. वहीं अब इस मामले में एमटीएनएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (CMD) सुनील कुमार ने सफाई दी है. उन्‍होंने बताया है कि कंपनी कर्मचारियों का वेतन या उसके एक हिस्से का भुगतान जल्द से जल्द करने के लिए प्रयास कर रही है.

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इस बारे में सुनील कुमार का कहना हैं कि  महीनों जुलाई और अगस्त का वेतन बकाया है. हमने जून तक का वेतन दे दिया है.’’हालांकि उन्‍होंने यह नहीं बताया कि बकाया वेतन का भुगतान कब तक किया जाएगा. सुनील कुमार के मुताबिक हम ईमानदारी से इसका प्रयास कर रहे हैं. हमारी कोशिश है कि जल्द कम से कम एक महीने का वेतन जारी कर दिया जाए. जब सुनील कुमार से पूछा गया कि कंपनी यह काम कैसे पूरा करेगी तो उन्‍होंने कहा कि एमटीएनएल अपने रेवेन्‍यू या कमाई से इसका भुगतान करना चाहती है. वहीं सुनील कुमार ने हाल में एमटीएनएल के CMD का अतिरिक्त प्रभार संभाला है.

दरअसल एमटीएनएल लंबे समय से घाटे में चल रही है. एमटीएनएल पर करीब 20,000 करोड़ का कर्ज है, जबकि उसकी सालाना आमदनी 2,700 करोड़ रुपये है. वहीं  एक अन्‍य सरकारी कंपनी बीएसएनएल पर 13,000 करोड़ रुपये का कर्ज है, जबकि सालाना आमदनी 32,000 करोड़ है. लेकिन बीएसएनएल की कुल आय में वेतन की लागत 75.06 फीसदी और एमटीएनएल की आय में वेतन की लागत 87.15 फीसदी है. वहीं प्राइवेट सेक्‍टर की टेलिकॉम कंपनियों की वेतन लागत उनकी आय का 2.9 से 5.0 फीसदी है.  इस बीच, खबर यह भी है कि घाटे में चल रही दोनों कंपनियों- बीएसएनएल और  MTNL के विलय पर विचार हो रहा है. इस विलय की प्रक्रिया में 1 साल से अधिक का समय लग सकता है.

 

 

 

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