सोशल मीडिया, खूबसूरत लड़कियों का प्रोफाइल और हनीट्रैप; कुछ इस तरह जाल में फंस रहे हैं सेना के जवान

भारत-पाक बंटवारे के बाद से ही पाकिस्तान की सुरक्षा एंजेसिंया लगातार भारत की सुरक्षा में सेंध लगाने की नापाक कोशिशें करती रही हैं। आईएसआई लगातार हनी ट्रैप के जरिए सूचना निकालने का हथकंडा अपनाने से भी कोई गुरेज नहीं कर रही है। इसके लिए बाकायदा महिलाओं को ट्रेंड किया जाता है। जिसके बाद यह महिलाएं सेना के जवानों को अपने झांसे में लेकर उनसे बाते कर जासूसी करने का काम करती हैं। बीते दिनों मेरठ में हनी ट्रैप के दो बड़े मामले सामने आने के बाद खुफिया एजेंसियां अलर्ट पर हैं।

अगर साइबर एक्सपर्टस की बात मानी जाए तो यह महिलाएं आईएसआई के इशारे पर सोशल मीडिया के जरिए ही भारतीय सेना की वर्दी पहने हुए जवानों को निशाने पर लेती हैं। उनसे दोस्ती की जाती है फिर सेना से संबंधित जानकारियां उनसे निकलवाई जाती हैं। गौर करने वाली एक और बात यह भी है कि सैनिकों को हनी ट्रैप में फंसाने वाली महिलाओं का टारगेट हरियाणा, राजस्थान और बिहार की सीमा से सटे इलाकों में रहने वाले युवा प्राथमिकता के आधार पर रहते हैं।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार पाक की खुफिया एजेंसी महिलाओं को इसके लिए खास ट्रेनिंग भी देती हैं। जिसके चलते वह अपनी खूबसूरती के झांसे में युवाओं को फंसा बड़ी ही चालाकी से हनी ट्रैप का जाल बिछा सैन्य संबंधित जानकारियां एकत्र कर लेती हैं। हाल ही में हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर के गांव से पकड़ा गये एक पूर्व सैनिक भी महिला अधिकारी के जाल में फंसकर देश की खुफिया जानकारियां पाकिस्तान को पहुंचा रहा था। बीते दिनों नेवी और एयरफोर्स के जवान भी सोशल मीडिया के जरिए हनी ट्रैप का शिकार हो चुके हैं।

वहीं यूपी एटीएस की गिरफ्त में आया जवान भी इसी तरह से ही सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए ही महिला के संपर्क में आया था। जिसके बाद वह अनजाने में ही सही लेकिन देश की खुफिया जानकारियां साझा कर रहा था। एटीएस की गिरफ्त में आए पूर्व सैनिक से पूछताछ के बाद यह निकलकर सामने आया था कि वह फेसबुक के जरिए महिला के संपर्क में आया। पड़ताल में पता चला कि अनुष्का चोपड़ा नाम की एक फर्जी आईडी के जरिए ही सैनिक को हनी ट्रैप में फंसाने का प्रयास होता रहा है।

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