
नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस साल के अंत तक रिटायरमेंट ले सकती हैं। खबरों की मानें तो कांग्रेस पार्टी को उम्मीद है कि राहुल गांधी को इस साल के अंत तक पार्टी का अध्यक्ष पद सौंप दिया जाएगा। वहीं पार्टी ने उन खबरों को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्हें मिशन 2017 के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से सीएम पद के कैंडिडेट के रूप में पेश किया जा रहा था।
सोनिया गांधी होंगी रिटायर!
इसको लेकर कांग्रेस पार्टी के नेता जयराम रमेश ने बताया कि राहुल गांधी अमेठी से सांसद और कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं। इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि वह 2016 तक कांग्रेस के अध्यक्ष पद को संभाल लेंगे। राहुल गांधी को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश किए जाने के दावों के बारे में जवाब देते हुए रमेश ने ये बात कही।
दरअसल इससे पहले खबरें चल रही थीं कि यूपी चुनावों में कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकार प्रशांत किशोर इस बात के पक्ष में हैं कि या तो प्रियंका गांधी या राहुल गांधी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर राज्य में विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करें।
वहीं प्रियंका गांधी को सीएम पद का उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना पर रमेश ने कहा कि इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। खबरों के मुताबिक किशोर का मानना है कि सोनिया गांधी के बेटेे राहुल गांधी ही एक ऐसा चेहरा हैं जो पार्टी को यूपी में बहुमत के साथ जीत दिला सकते हैं। वहीं यूपी में जीत मिलने के बाद लोगों का भरोसा पार्टी पर बढ़ेगा जिसका फायदा पार्टी को 2019 के चुनावों में मिल सकता है।
इसके साथ ही ये भी माना जा रहा है कि अगर इस बात के लिए राहुल अपनी सहमति नहीं देते हैं तो प्रियंका गांधी का नाम उछाला जा सकता है। लेकिन अगर प्रियंका भी मना कर देती हैं तो किशोर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर दांव खेल सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस इस महीने यूपी कांग्रेस में कई बड़े बदलावा कर सकती है। वहीं माना ये भी जा रहा है कि 19 मई को पार्टी यूपी के लिए सीएम कैंडिडेट के नाम की भी घोषणा कर सकती है। आपको बता दें कि 1989 में कांग्रेस उत्तर प्रदेश में हाशिए पर चली गई। इसके बाद वह कभी सत्ता में वापस नहीं आ पाई। उसी दौर में यहां बसपा का उदय हुआ। दरअसल राम मंदिर और मंडल जैसे मुद्दों ने कांग्रेस को हाशिए पर ला दिया। हालांकि इससे पहले देश को आजादी मिलने के बाद से ही कांग्रेस लगभग पूरे समय सत्ता में बनी रही।