
लखनऊ। सर्वोच्च न्यायालय ने आज सुब्रत राय और सहारा समूह के दो अन्य निदेशकों की पैरोल बढ़ाने का अंतरिम आदेश जारी करते हुए सहारा को दो अक्टूबर तक और 200 करोड़ रुपये जमा कराने को कहा। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस. ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने पैरोल बढ़ाते हुए सहारा से यह बताने को कहा कि वैकल्पिक रूप से पूरी तरह परिवर्तनीय बेंचर (ओएफसीडी) के माध्यम से वर्ष 2008-09 में निवेशकों से जुटाए गए पैसे उन्हें किस तरह वापस किए जाएंगे। अब सुब्रत राय 24 अक्टूबर तक जेल से बाहर रहेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख के वकील से यह भी कहा है कि वे कोर्ट को एक रोडमैप तैयार कर के दें। जिसमें यह बताया जाए कि सहारा प्रमुख पर सेबी का 12 हजार करोड़ रुपया बकाया कैसे चुकाया जाएगा?
बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितंबर को राय की पैरोल की अवधि 23 सितंबर तक बढ़ा दी थी। इसके बाद 23 सितंबर को इस पर सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय को सरेंडर करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया था। इसके साथ ही उनकी पैरोल बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई पर भी सहमति जताई थी। इससे पहले 23 सितंबर की सुबह कोर्ट ने सुब्रत राय को जेल भेजे जाने का आदेश दिया था। राय को उनकी मां की मौत पर मानवीय आधार पर जेल से बीते मई महीने में पैरोल पर रिहा किया गया था।