गद्दार चीन ने चली नापाक चाल, पाकिस्‍तान पहुंचा भारत को नीचा दिखाने  

सीपीईसीइस्लामाबाद। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना (सीपीईसी) के तहत पहली व्यापारिक गतिविधि शुरू हो गई है। इसके तहत 100 से अधिक चीनी कंटेनर सीमा शुल्क की मंजूरी के बाद गिलगित-बाल्टिस्तान के सुस्त बंदरगाह पहुंचे। देखा जाए तो यह भारत और पीएम मोदी के लिए एक बड़ा झटका है। हुंजा में सस्त एक गांव है। यह चीनी सीमा के पहले पाकिस्तान के काराकोरम राजमार्ग पर अंतिम कस्बा है।

सीपीईसी कारोबार शुरू 

डॉन न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को उद्घाटन समारोह में चीनी अधिकारियों सहित गिलगित-बाल्टिस्तान के मुख्यमंत्री हफीजुर रहमान और गिलगित-बाल्टिस्तान के फोर्स कमांडर साकिब महमूद मलिक ने हिस्सा लिया।

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए रहमान ने कहा कि सीपीईसी के कारण गिलगित-बाल्टिस्तान की तकदीर बदलेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि हर सप्ताह एक हजार चीनी कंटेनर काराकोरम राजमार्ग से होकर गिलगित-बलटिस्तान में दाखिल होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा, “इस गतिविधि से समृद्धि बढ़ेगी और इलाके में बेरोजगारी खत्म होगी।” उन्होंने कहा कि सीपीईसी के तहत व्यापारिक गतिविधियों की आधिकारिक शुरुआत चीनी और पाकिस्तान दोनों लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है।

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रहमान ने कहा, “संघीय सरकार ने गिलगित-बाल्टिस्तान को आधुनिक प्रौद्योगिकी से लैस करने के लिए 72 अरब रुपये के परियोजनाओं को मंजूरी दी है। सीपीईसी के तहत शंतार पास, बाबुसर मार्ग और गिलगित-सकरदु मार्ग का भी निर्माण किया जाएगा।

डॉन न्यूज से बातचीत में सुस्त बंदरगाह के सीमा शुल्क अधीक्षक इशाक कियानी ने कहा कि सीपीईसी परियोजना के मालों से भरे हुए कंटेनर को आयात कर भुगतान से छूट दी गई है। उन्होंने कहा, “45 चीनी कंटेनर सुस्त से रवाना हो चुके हैं और बाकी बचे कंटेनरों मंजूरी के रवाना होंगे।

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