शहाबुद्दीन की रिहाई का एनडीए ने किया विरोध, राज्‍यपाल को दिया ज्ञापन

शहाबुद्दीनपटना।  राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन केे जेल से रिहा होने के मामले को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और उन्हें नौ सूत्री ज्ञापन सौंपा।

राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर राजभवन से बाहर निकलने के बाद बीजेपी  नेता सुशील मोदी ने कहा, “हमलोग इस मुद्दे पर विशाल धरना देकर राज्य सरकार पर दबाव बनाएंगे कि वह शहाबुद्दीन की जमानत रद्द कराने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में अपील करे।”

राजभवन के बाद भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचे मोदी ने आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि शहाबुद्दीन को पटना उच्च न्यायालय से जमानत मिले पांच दिन हो गए, बिहार सरकार चाहती तो इस मामले पर सर्वोच्च न्यायालय में अपील कर सकती थी, उन्होंने कहा कि सूचना मिली है कि वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा है कि वह इस मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय जाएंगे। मोदी ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या बिहार सरकार इतनी कमजोर हो गई है कि एक व्यक्ति के खिलाफ अदालत नहीं जा सकती?

मोदी ने बताया कि राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में राजग ने शहाबुद्दीन पर सीसीए लगाने के साथ उसके सभी मुकदमों की नियमित पर्यवेक्षण (मॉनिटरिंग) की भी मांग की गई है।

राजग नेताओं ने राज्यपाल से शहाबुद्दीन से जुड़े मामलों में पीड़ितों की सुरक्षा से लेकर गवाहों को भयमुक्त करने तक की व्यवस्था करने की गुहार लगाई है।

राज्यपाल से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल में भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी, डॉ. प्रेम कुमार, नंदकिशोर यादव, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वृषिण पटेल सहित लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) के नेता शामिल थे।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल सभी नेताओं ने शहाबुद्दीन के जेल से बाहर रहने पर राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने की आशंका जताते हुए कहा कि सरकार को तत्काल पूर्व सांसद पर सीसीए लगाने की कार्रवाई करनी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि शहाबुद्दीन 11 साल तक विभिन्न मामलों में जेल में बंद थे। चर्चित तेजाब हत्याकांड के चश्मदीद गवाह राजीव रोशन की हत्या मामले में पटना उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद वह शनिवार को रिहा हुए हैं।

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