
मुंबई। बैंकों का अरबों रुपए दबाकर लंदन भाग गए और मोदी सरकार के लिए परेशानी का सबब बने विजय माल्या को पीएमएलए की एक विशेष अदालत ने भगोड़ा अपराधी घोषित कर प्रवर्तन निदेशालय को उनकी संपत्ति को कुर्क करने का निर्देश दिया। लेकिन अब इस फैसले के बाद पहले से संकट में घिर माल्या की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
ईडी ने विजय माल्या के खिलाफ मनी लॉडरिंग केस के तहत समन जारी करते हुए कहा है कि माल्या जांच प्रक्रिया में को-ऑपरेट नहीं कर रहे हैं और न ही खुद पेश हो रहे हैं और न ही नियमों का पालन कर रहे हैं।
Vijay Mallya's properties attached under Section 82 and 83. He was declared a proclaimed offender under sec 82 of CrPC by Special Court PMLA
— ANI (@ANI) November 11, 2016
विजय माल्या की संपत्ति को धारा 82 और 83 के तहत आती है। पीएमएलए की विशेष कोर्ट ने विजय माल्या को सीआरपीसी की धारा 82 के तहत भगोड़ा अपराधी घोषित किया है। सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने माल्या की 1700 करोड़ की संपत्ति को सीआरपीसी कानून के साथ ही मनी लॉडरिंग से जोड़ते हुए सीज कर दिया है।
ED to seize fresh assets worth Rs 1,700 crore, under CrPC laws, of Vijay Mallya in connection with money laundering case against him:Sources
— ANI (@ANI) November 11, 2016
बता दें कि न्यायधीश पी आर भावके ने आदेश दिया है कि यह घोषित किया जाता है कि आरोपी विजय माल्या भगोड़ा अपराधी है। आरोपी की चल संपत्ति को कुर्क किया जाए। हालांकि अदलात ने माल्या की विदेशों में स्थित संपत्ति को कुर्क करने की ईडी की सिफारिश को खारिज कर दिया था।
गौरतलब है कि जून में माल्या के खिलाफ एक आदेश पारित किया गया था, जिसके तहत उन्हें अदालत में पेश होना था। इस आदेश का पालन नहीं होने की स्थिति में उनको भगोड़ा अपराधी घोषित करवाने और उनकी संपत्ति को कुर्क करने की मांग को लेकर ईडी ने पिछले महीने अदालत का रुख किया था। एजेंसी ने सीआरपीसी की धारा 82 के तहत एक आदेश की मांग की थी क्योंकि उनके खिलाफ कई गिरफ्तारी वारंट लंबित हैं।