
पटना। जैसे जैसे राष्ट्रपति चुनाव का समय करीब आ रहा है वैसे वैसे बिहार में काबिज महागठबंधन की सांसों की डोर टूटती दिखाई दे रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक फैसले से मानो पूरे बिहार की सत्ता में भूचाल आ गया है। बिहार में महागठबंधन की सरकार को लगभग डेढ़ साल बीत चुका है लेकिन अब पार्टियों में तकरार खुल कर सामने आ रही है। महागठबंधन में सबसे ज्यादा उठापटक तो जेडीयू और आरजेडी नेताओं की बयानबाजी के कारण देखने को मिल रहा है।
मीडिया से बत करते हुए जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी साफ किया कि उनकी पार्टी मोदी सरकार के अच्छे कामों का हमेशा समर्थन करती रहेगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में भाजपा के साथ ज्यादा सहज महसूस करती थी। वहीं दूसरी ओर बिहार सरकार में मंत्री विजय प्रकाश यादव ने कहा कि हमारी सरकार को कोई खतरा नहीं है, महागठबंधन एकजुट है।
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त्यागी ने आगे कहा कि जेडीयू जीएसटी के भी समर्थन में है। उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के बाद जिस प्रकार से महागठबंधन में हमारे सहयोगियों द्वारा नीतीश कुमार पर निशाना साधा जा रहा है वह ठीक नहीं है।
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केसी त्यागी ने आगे यह भी कहा कि एनडीए सरकार के जो कार्य देश विरोधी और किसान विरोधी हैं उनके खिलाफ हमारी पार्टी लगातार लड़ाई जारी रखेगी।