
उम्र के साथ याददाश्त कमजोर होना सामान्य माना जाता है, लेकिन अगर आप कम उम्र में ही रोज-रोज के काम भूलने लगें या लोगों के नाम याद करने में आपको दिक्कत होने लगे तो यह खतरनाक है। इसके पीछे एक कारण आपका शहर भी हो सकता है।
हम पैसे कमाने के लिए बड़े शहर चले आते हैं, लेकिन इन बड़े शहरों की भीड़ और व्यस्तता हमारी याददाश्त के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। एक नई रिसर्च के मुताबिक शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को मेमरी लॉस का खतरा ज्यादा होता है। इसका कारण है बेचैनी, तनाव और डिप्रेशन।
ऐसिबाडम हॉस्पिटल के न्यूरॉलजी डिपार्टमेंट के रिसर्चर नजाइज ह्यूजेनगलू का कहना है कि शहरी लाइफस्टाइल के तनाव और मेमरी लॉस का गहरा नाता है। स्कॉटिश रिसर्चर के मुताबिक इस कंडिशन को बिजी लाइफस्टाइल सिंड्रोम (BLS) कहते हैं और इसके लक्षणों में डिप्रेशन, तनाव और एकाग्रता की कमी आदि शामिल हैं।
सामान्य तौर पर ऐल्टशाइमर्ज और पार्किंसंस डिजीज से जूझ रहे लोगों में मेमोरी लॉस की समस्या देखी जाती है, लेकिन हमारे आस-पास के वातावरण की वजह से युवा लोगों में भी यह समस्या देखी जा रही है। ह्यूजेनगलू के मुताबिक अगर आपको चेहरे पहचानने में या नाम याद रखने में दिक्कत हो रही है या फिर आप एक ही चीज बार-बार पूछने के बाद भी भूल जाते हैं तो आपको न्यूरॉलजिस्ट से संपर्क साध लेना चाहिए।
यहां तक कि याददाश्त के मामले में पुरुषों से बेहतर समझी जाने वाली महिलाओं के बीच भी डिप्रेशन के चलते मेमोरी लॉस के लक्षण सामने आ रहे हैं। ह्यूजेनगलू कहते हैं कि पूरी नींद और रेग्युलर विटमिन लेकर और स्मोकिंग से किनारा करके मेमोरी लॉस से बचा जा सकता है।