मोदी सरकार के इस फैसले से देश के हर नागरिक को मिलेगी पहचान, जानिए कैसे

PM मोदी के मार्गदर्शन में देश को हर तरह से बेहतर बनाने के लिए सारे प्रयास किये जा रहे हैं. हाल ही में देश में सरकार NRC लागू करने की योजना बना रही है. इसके आधार के लिए सरकार ने सितंबर 2020 तक राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) तैयार करने का फैसला किया है. अब देश के हर नागरिक का एनपीआर में पंजीकरण होना जरुरी है. सबसे पहले इसका डेटाबेस तैयार होगा. जिसमें आधार की तरह लोगों की बायोमैट्रिक जानकारियां भी होंगी.

Pm Modi,

देश भर में लागू होगा असम मॉडल-

एक अधिकारी ने बताया कि एनपीआर देश के सामान्य निवासियों की एक सूची होगी. एक बार जब एनपीआर तैयार होकर प्रकाशित हो जाएगा तो संभावना है कि यह असम एनआरसी के देशव्यापी संस्करण ‘नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटिजंस’ (एनआरआइसी) को तैयार करने का आधार बनेगा.

एनपीआर के लिए एक सामान्य निवासी उसे माना जाएगा जो उस स्थानीय इलाके में पिछले छह महीने या उससे अधिक समय से रह रहा हो अथवा जो उस इलाके में छह महीने या इससे अधिक समय तक रहने का इरादा रखता हो.

 

घर-घर से जुटाई जाएंगी जानकारी

महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त विवेक जोशी की ओर से जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, ‘नागरिकता (नागरिकों के पंजीयन एवं राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करने संबंधी) नियमावली, 2003 के नियम तीन के उपनियम चार के तहत केंद्र सरकार ने जनसंख्या रजिस्टर तैयार करने और उसे अपडेट करने का फैसला किया है.’

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साथ ही इसमें कहा गया है कि असम को छोड़कर देशभर में घर-घर जाकर गणना करने और सभी लोगों की जानकारियां एकत्र करने के लिए फील्ड वर्क एक अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर 2020 तक किया जाएगा. एनपीआर को स्थानीय (ग्राम/कस्बा), अनुमंडल, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाएगा.

राष्ट्रपति ने किया था अभिभाषण में एलान
नई लोकसभा (17वीं) के गठन के बाद 20 जून को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण में नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की प्राथमिकताओं का उल्लेख किए जाने के करीब महीनेभर बाद यह कदम उठाया गया है. कोविंद ने कहा था, ‘मेरी सरकार ने घुसपैठ प्रभावित इलाकों में प्राथमिकता के आधार पर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की प्रक्रिया को लागू करने का फैसला किया है.’

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