मुजफ्फरनगर दंगा रिपोर्ट: वो सवाल नहीं मिले जिनके जवाब
एजेंसी/जस्टिस विष्णु सहाय आयोग की रिपोर्ट आने के बाद यह सवाल और तीखा हो गया है कि मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान जानसठ के सीओ जगत राम जोशी ने सचिन और गौरव की हत्या के संदेह में पकड़े गए लोगों को किसके कहने पर छुड़वाया?
शाहनवाज की हत्या में सचिन और गौरव के परिवार के सदस्यों की गलत नामजदगी किसके इशारे पर और क्यों की गई? संदिग्धों की गिरफ्तारी और गलत नामजदगी हटाने की मांग मानने से प्रशासन क्यों इन्कार करता रहा?
आयोग की रिपोर्ट से साफ हो गया है कि वहां तैनात अफसर अपना काम निष्पक्षता से नहीं कर रहे थे। एक-एक कर की गई उनकी गलतियों से माहौल बिगड़ता गया और आखिरकार इस दंगे में 65 से ज्यादा लोगों की मौत हुई, हजारों लोग बेघर हो गए।
मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में 27 अगस्त 2013 को पहले शाहनवाज और बाद में सचिन एवं गौरव की हत्या के बाद सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया था।