
नई दिल्ली : केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री महेश शर्मा को राज्यसभा में विपक्ष की आलोचना का सामना करना पड़ा. यह मामला सीता के जन्मस्थल से जुड़ा हुआ है. महेश शर्मा ने कहा कि सीता के जन्मस्थान का मसला आस्था से जुड़ा हुआ है, लेकिन इसका कोई प्रमाण नहीं है.
दरअसल भाजपा सांसद प्रभात झा ने सीतामढ़ी स्थित सीताजी के जन्मस्थान के जीर्णोद्धार और उस इलाके को धार्मिक पर्यटन से जोड़ने का मामला राज्यसभा में उठाया था. उन्होंने कहा कि इस स्थान को लेकर कोई विवाद भी नहीं है.
शर्मा ने उन्हें आश्वासन दिया कि मंदिर परिसर और विकास कार्य में शिथिलता पर वह बिहार सरकार से बात करेंगे.
केंद्रीय मंत्री ने अपने लिखित जवाब के बचाव में कहा कि सीता के जन्मस्थान को लेकर कोई प्रश्नचिह्न नहीं है और वाल्मीकि रामायण में इसका जिक्र भी किया गया है.
महेश के जवाब पर विपक्षी सदस्यों ने उन पर उस समय निशाना साधा जब वह प्रश्नकाल के दौरान बिहार में सीता की जन्मस्थली से जुड़े पूरक सवालों का जवाब दे रहे थे. शर्मा ने कहा कि सीता की जन्मस्थली को लेकर कोई सवाल नहीं उठाया गया है और उन्हें लिखित उत्तर को पूरा पढ़ना चाहिए था.
महेश ने कहा, ‘‘भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने अब तक सीतामढ़ी जिला में कोई उत्खनन नहीं किया है. अत: उसके पास सीतामढ़ी के सीता की जन्मस्थली के रूप में होने से संबंधित कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वाल्मीकि रामायण में सीता के मिथिला क्षेत्र में जन्म होने का उल्लेख किया गया है.’’
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सीता के जन्मस्थान को आस्था से जुड़ा मुद्दा बताने वाले बयान की निंदा की. उन्होंने कहा कि ऐसा कहने से साबित होता है कि प्रत्यक्ष प्रमाण पर कोई जवाब नहीं दिया गया है. दिग्विजय ने कहा, ‘एक तरफ रामसेतु को लेकर सरकार गंभीर है, दूसरी ओर सीता को लेकर प्रमाण न होने की बात कहती है. क्या भगवान राम और सीता के स्वयंवर के प्रमाण हैं.