पीएम मोदी के इस वार से परास्त हो जाएगा चीन, हथियार उठाने से पहले ही भारत ने जीत लिया मैदान
नई दिल्ली। सीमा पर लगातार भारत को आंख दिखाने वाले चीन को सबक सिखाने के लिए पीएम मोदी ने रणनीति बनाने की तैयारी कर ली है। चीन की गर्मी को ठंडा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पड़ोसियों से संबंध मजबूत करना शुरू कर दिए हैं जिसके तहत अगले साल गणतंत्र दिवस परेड व समारोह के लिए आसियान देशों के प्रमुखों को भारत की ओर से आमंत्रित किया जाएगा।
गौरतलब है कि सिक्किम के डोकलाम क्षेत्र में चीन लगातार भारत को पीछे हटने की धमकी दे रहा है और ऐसा न करने पर युद्ध के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। ऐसे में चीन को रणनीतिक तौर पर कमजोर करने के लिए भारत अगले साल आयोजित होने वाली गणतंत्र दिवस परेड के लिए दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के सदस्यों ब्रूनेई, इंडोनेशिया, मलेशिया, कंबोडिया, लाओ पीडीआर, म्यांमार, सिंगापुर, फिलीपींस, थाइलैंड और वियतनाम के प्रमुखों को आमंत्रित करने के लिए संपर्क कर रहा है।
ऐसा भारत के इतिहास में पहली बार होगा जब गणतंत्र दिवस पर एक से अधिक देशों के राष्ट्र या शासन प्रमुख को मुख्य अतिथि के तौर पर समारोह में आमंत्रित किया जा रहा है। केंद्र की सत्ता में आने के बाद साल 2014 में मोदी सरकार ने भारत की लुक ईस्ट नीति को एक्ट ईस्ट नीति में बदल दिया था।
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मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही कहा था कि जापान पर जोर देते हुए आसियान देशों को एक्ट ईस्ट नीति की रीढ़ बनाया जा सकता है। ऐसे में साल 2018 के गणतंत्र दिवस पर आयोजित समारोह और परेड में आसियान देशों के प्रमुखों को बुलाना एनडीए सरकार की सोच को और ज्यादा मजबूत करेगा। बता दें कि विदेश मंत्रालय के अनुसार इस साल आसियान और भारत के डायलॉग पार्टनरशिप को 25 साल पूरे हो रहे हैं। इस खास मौके पर भारत और आसियान देशों में स्थित उच्चायोग में ‘शेयर्ड वैल्यूज, साझा लक्ष्य (साझा मूल्य, साझा लक्ष्य)’ की थीम पर आधारित विभिन्न काय्रक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।
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भारत के साथ साथ आसियान देशों में शामिल वियतनाम, मलेशिया, फिलीपींस और ब्रुनेई के साथ भी सीमा विवाद को लेकर चीन की तनातनी बनी रहती है। चीन लगातार दक्षिणी चीन सागर पर अपना दबदबा बढ़ाता जा रहा है वहीं इन देशों का कहना है कि वह उनके अधिकार क्षेत्र में आता है लेकिन चीन इसे अपना समुद्री क्षेत्र बताता है। बता दें कि दक्षिणी चीन सागर व्यापार के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण क्षेत्र है।